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2500 से अधिक लोगों ने लिया ‘Walkathon’ में हिस्सा, किडनी को स्वस्थ्य रखने की ली शपथ

लखनऊ। हम वादा करते हैं कि अपनी किडनियों को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना टहलेंगे। यह नेक शपथ ली 2500 से भी अधिक लोगों ने जो अजंता हाॅस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर द्वारा और डाॅ. दीपक दीवान (वरिष्ठ नेफ्रोलाॅजिस्ट) के नेतृत्व में आयोजित विशाल वाॅकाथन का हिस्सा बने। ये तीन किलोमीटर लंबी पदयात्रा जो अजंता हाॅस्पिटल से शुरू होकर वीआईपी रोड स्थित असूदाराम आश्रम पर खत्म हुई, विशेष तौर पर विश्व किडनी दिवस के मौके पर आयोजित की गई थी। गुरूवार सुबह पीली टीशर्ट और सफेद टोपी पहने महिला, पुरूषों और बच्चों की लंबी कतारें सड़क पर शानदार नजारा पेश कर रही थीं।

डॉ दीपक दीवान गुर्दा रोग विशेषज्ञ ने धूमधाम से आयोजित इस पैदल मार्च का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। इस वाॅकाथन में अत्याधिक प्रेरित करने वाली और अनुशासित जनसमूह हाथों में ‘स्वस्थ किडनी के लिए और स्वस्थ जीवनशैली के लिए‘ की तख्तियां लिए अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा था। इस भारी भीड़ में शामिल रहे डाॅक्टर्स, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टूडेंटस, शिक्षक और शहर की हर काॅलोनी के नागरिक। वाॅकाथन के समापन पर ने मौजूद जनसमूह से सेहतमंद किडनी और जीवनशैली के लिए रोजाना पैदल चलने की अपील की। उन्होंने बताया कि अगर आप रोजाना शारीरिक गतिविधियां करेंगे तो सेहतमंद किडनी के साथ आपका स्वास्थ्य और जीवन भी खुशहाल बना रहेगा।

उनकी इस प्रेरणादायक अपील पर सभी प्रतिभागियों ने शपथ ली कि रोजाना वे किसी न किसी एक्सरसाइज में शामिल होकर अपनी सेहत को बरकरार रखेंगे। उन्होंने ये भी बताया कि अगर आप टहलने के लिए घर के बाहर नहीं जा सकते तो घर के अंदर ही इनहाउस जिम या इन ऑफिस व्यायामशाला बना सकते हैं लेकिन कसरत से बचने का कोई बहाना नहीं चलेगा। उन्होंने किडनी की बीमारियों से बचने के लिए रूटीन चेकअप पर भी जोर दिया। इस मौके पर अजंता अस्पताल के प्रबंध निदेशक डाॅक्टर अनिल खन्ना ने साफ तौर पर कहा कि टहलना या फिर किसी भी तरह की कसरत नियमित दिनचर्या में शामिल होनी चाहिए। ये नियम सिर्फ मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि सेहतमंद लोगों के लिए भी लागू होता है।

30 मिनट पैदल चलना या फिर इतनी ही देर की कसरत वैसे ही हमारी जिंदगी में जरूरी है जैसे कोई भी अन्य नियमित काम। मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ और वरिष्ठ आईवीएफ एक्सपर्ट डाॅक्टर गीता खन्ना ने कहा कि खासतौर से महिलाओं को अपनी स्वस्थ जीवन शैली को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि उनको पूरा परिवार संग लेकर चलना होता है। उन्होंने आगे कहा कि आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में युवा अपने लक्ष्य के चक्कर में सेहत पर जरा भी ध्यान नहीं देेते जो गलत है। इसका गंभीर परिणाम हो सकता है। स्वस्थ जीवनशैली की अवधारणा बचपन से ही डालनी चाहिए। वाॅकाथन के बाद आसूदाराम आश्रम के संत चांडूराम ने प्रतिभागियों को आशीर्वाद दिया। उत्साहित प्रतिभागियों ने स्वल्पाहार के बाद कार्यक्रम से विदाई ली।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH