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भारत से युद्ध छिड़ा तो ये पांच देश करेंगे पाकिस्तान की मदद, तीसरे से तो अमेरिका भी डरता है

नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनाव काफी बढ़ गया था, फिलहाल अब उसमें कमी आई है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी जिसमें आतंकी संगठन जैश के कई ठिकाने तबाह हो गए थे। इस हमले में करीब 300 आतंकी ढेर हो गए थे। पाकिस्तान इस हमले के बाद बौखला गया। उसने भी भारतीय सीमा में घुसकर हवाई हमले करने की कोशिश की लेकिन भारतीय वायुसेना ने उसे खदेड़ दिया। हालांकि इस कार्रवाई में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन का प्लेन पाकिस्तानी सीमा में क्रैश हो गया था जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया। हालांकि इसके एक दिन बाद ही भारत के दबाव के चलते पाकिस्तानी को उन्हें छोड़ना पड़ा।

आज हम आपको उन देशों के बारे में बताने जा रहे हैं जो युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान की मदद कर सकते हैं।

तुर्की- इस्लामिक राष्ट्र होने की वजह से ऐतिहासिक रुप से तुर्की और पाकिस्तान के संबंध काफी बेहतर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तुर्की पाकिस्तान के अच्छे दोस्तों में माना जाता है। हाल ही में पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन से मुलाकात की थी।

मिस्र: अरब गणराज्य मिस्र और इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध सालों से है। साल 1947 में आधुनिक संबंध तब बने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ने मिस्र में राजा फुआद द्वारा भेजे गए विशेष निमंत्रण पर पहुंचे थे। इजिप्ट से पाक के संबंध फिलहाल ऐसे हैं कि अगर युद्ध सरीखी कोई परिस्थिति बने तो उसे मदद मिलेगी।

चीन: चीन पाकिस्तान का पुराना दोस्त है। अगर भारत के साथ युद्ध की की परिस्थितियां बनती हैं तो चीन, पाकिस्तान की मदद कर सकता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि चीन की ओर से पाकिस्तान में किया गया निवेश जो कि करीब 46 बिलियन डॉलर से ज्यादा का है।

सऊदी अरब: पाकिस्तान के सऊदी अरब से अच्छे संबंध किसी से छिपे नहीं है। बीते दिनों सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान पहुंचे थे जहां उनके स्वागत में पाकिस्तान सरकार ने पलक पांवड़े बिछा दिए थे। इतना ही नहीं पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान, क्राउन प्रिंस के ड्राइवर तक बन गए थे।

खाड़ी देश : भारत से युद्ध की परिस्थिति में खाड़ी देश जिसमें बहरीन, कुवैत, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं, वे इसकी मदद कर सकते हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH