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बुआ—भतीजे को लगा जोर का झटका, एक होकर भी न दे सके ​भाजपा को टक्कर

 

लखनऊ। राज्यसभा चुनाव में बसपा-सपा के नजदीकियों को जोरदार झटका लगा है। इस चुनाव में भाजपा के सभी 9 उम्मीदवारों की जीत हो गई। वहीं लाख कोशिशों के बाद भी बीएसपी उम्मीदवार की हार हो गई। काफी दिनों से इस चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच खूब घमासान मचा हुआ था।

राज्यसभा का यह चुनाव कई मायने में इसलिए भी दिलचस्प हो गया था क्योंकि कुछ ही दिन पहले उपचुनाव में सपा-बसपा करीब आए, और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा। राज्यसभा चुनाव ठीक उसके बाद था, एक बार फिर सपा-बसपा साथ आए थे, और ऐसा लगा कि बीएसपी के उम्मीदवार की जीत आसानी से हो जाएगी।

भाजपा इतनी आसानी से हार नहीं मानने वाली थी। बीजेपी की जहां 8 सीटें पक्की थीं। बावजूद इसके बीजेपी ने 9वें उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा। इसके साथ ही चुनाव दिलचस्प हो गया। एक तरफ बीजेपी और दूसरी तरफ विपक्षी दल। दोनों ही निर्दलयी विधायकों को साथ लाने के लिए चाय से लेकर डिनर तक की पार्टी देनी शुरू कर दी।

बसपा को भरोसा था कि सपा से हाथ मिलाने से राज्यसभा की वैतरणी से पार पाया जा सकता है, लेकिन बसपा के इस मंसूबे पर बीजेपी ने पूरी तरह पानी फेर दिया। बीजेपी अपनी योजना में सफल हो गई। उसके 9 सदस्य राज्यसभा चुनाव जीत गए, और बुआ-भतीजे का यह गठबंधन काम न आ सका।

बसपा के उम्मीदवार भीमराव आंबेडकर जीत दर्ज नहीं कर पाए। प्रथम वरीयता में आंबेडकर को हालांकि अधिक वोट मिले थे लेकिन वह 37 वोटों के निर्धारित कोटे को हासिल करने में सफल नहीं हो पाए। बीजेपी के 9वें प्रत्याशी अनिल अग्रवाल ने दूसरी वरीयता का वोट हासिल कर आंबेडकर को हरा दिया।

विजयी उम्मीदवार

प्रदेश 10 राज्यसभा सीटों में बीजेपी के केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, डॉ. अनिल जैन, अशोक वाजपेयी, कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर, डॉ. हरनाथ सिंह यादव, सकलदीप राजभर और जीवीएल नरसिम्हा के साथ 9वें उम्मीदवार के तौर पर अनिल अग्रवाल ने जीत दर्ज की है। वहीं से सपा उम्मीदवार जयाबच्चन ने जीत दर्ज की।

 

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Dileep Kumar
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