लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस ने कमर कस ली है। दरअसल हाल के दिनों में यूपी पुलिस ने आतंक मचाने वाले शातिर अपराधियों को सबक सीखाने के लिए एनकाउंटर करने की योजना बना डाली है। ऐसे में यूपी पुलिस का खौफ अपराधियों में साफ देखा जा सकता है। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब कैराना में पुलिस से बचने के लिए दो पेशेवर अपराधियों ने हाथों में तख्तियां लेकर घूमते नजर आ रहे थे। तख्ती में लिखा था कि हम अब अपराध नहीं करेंगे, मेहनत मजदूरी कर परिवार को पालेंगे, कृपया हमें माफ कर दें।
दरअसल योगी राज में पुलिस का खौफ इतना बढ़ गया है कि साल भर में 40 बदमाशों को यूपी पुलिस ने ढेर किया है। ऐसे में अपराधी की कोशिश होती है कि वह जेल में बंद रहे न की पुलिस की गोली का शिकार हो।
कैराना में दो अपराधी ऐसे है जो पुलिस के लिए हाल के दिनों में चुनौती बन गए थे। सलीम अली और इरशाद अहमद जैसे शातिर अपराधियों को अब डर सता रहा है कि कहीं पुलिस के हत्थे न चढ़ जाये। ऐसे में दोनों ने इसका सहारा लेकर बचने की कोशिश की है। पुलिस कहीं इनका एनकाउंटर न कर दे, इसलिए दोनों ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने में भलाई समझी है।
दोनों के ऊपर हत्या, लूट का मामलों में आरोपी है। दोनों को हाल में जमानत मिली है लेकिन जेल से बाहर आने के बाद पुलिस का खौफ इनपर साफ देखा जा सकता है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ने शामली के एसपी अजय पाल शर्मा को भी इसी अपील का एक शपथपत्र दिया है। कैराना में रंगदारी के साथ-साथ लूट की वारदात को अंजाम देना आम बात हो गई थी।
दिनदहाड़े व्यापारियों को लूट लिया जाता है। बता दें कि कैराना का पलायन मुद्दा इससे पहले खूब सुर्खियों में रहा है। यूपी में जब से योगी सरकार आई है तब से अपराधियों ेके होश ठिकाने आ चुके हैं। दिसम्बर 2017 तक 895 पुलिस एनकाउंटर हुए है। उधर रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में हर दिन तीन एनकाउंटर देखने को मिल जाता है। आलम तो यह रहा है कि योगी के गढ़ में सिर्फ 24 एनकाउंटर दिसंबर 2017 तक हुए हैं। इससे साफ हो गया है कि जनवरी 2018 तक एक हजार एनकाउंटर कर डाले हैं।