International

इवांका का महिला उद्यमियों के लिए पूंजी सुलभ कराने का आह्वान

हैदराबाद, 29 नवंबर (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पुत्री और सलाहकार इवांका ट्रंम ने बुधवार को महिलाओं के लिए पूंजी में बेहतर पैठ व प्रमुख उद्योगों में उनकी भागीदारी सुनिश्चत कर श्रमशक्ति में लैंगिक अंतर को पाटने की अपील की। उन्होंने ने ज्यादा प्रगतिशील नीतियों की जरूरत पर बल दिया, ताकि एक दशक से लैंगिक दूरी को पाटने में जो गतिहीनता रही है, उसे दूर किया जा सके। उन्होंने बताया कि महिलाओं का वर्चस्व अर्थव्यवस्था के उन्हीं क्षेत्रों में है, जो वित्तीय दृष्टि से कम महत्व के हैं।

हैदराबाद में चल रहे वश्विक उद्यमिता सम्मेलन (जीईएस) में बुधवार को ‘वी कैन डू इट! इनोवेशंस इन वर्कफोर्स डेवलपमेंट एंड स्किल्स ट्रेनिंग’ सत्र के दौरान पैनल के अन्य सदस्यों में चेरी ब्लेयर फाउंडेशन फॉर वूमेन की संस्थापक चेरी ब्लेयर, आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक व सीईओ चंदा कोचर और डेल ईएमसी की प्रमुख ग्राहक अधिकारी कैरेन क्विंटोज शामिल थीं।

तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी, उद्योग व वाणिज्य मंत्री के. टी. रामा राव सत्र के सभापति थे।

वक्ताओं में एक बात पर आम सहमति थी कि शिक्षा, कौशल विकास और पूंजी में पैठ के जरिए महिला सशक्तीकरण की जरूरत है।

इवांका ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की नुमाइंदगी नामुनासिब है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग में महज 13 फीसदी और कंप्यूटर साइंस में 20 फीसदी पेशेवर महिलाएं हैं।

ह्वाइट हाउस की सलाहकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) के क्षेत्र में लैंगिक अंतर को समाप्त करने के लिए ट्रंप प्रशासन की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख किया।

इवांका ने प्रौद्योगिकी को उद्यमिता का बड़ा संचालक बताया और कहा कि इससे व्यवसाय शुरू करने और लचीलापन लाने में रुकावट कम हो रही है। उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी से महिला उद्यमियों को काफी अवसर मिल रहे हैं।

चेरी ब्लेयर ने कहा कि महिला उद्यमियों की पूंजी में उचित पैठ होना उनके लिए सबसे बड़ी समस्या है।

चंदा कोचर का कहना था कि महिलाओं को अपनी काबिलियत पर भरोसा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए विशेष नीतियों की जरूरत नहीं है, बल्कि उनको अपनी काबिलियत साबित करने का एक मौका देने की जरूरत है। चंदा ने कहा कि दुनिया में भारत के सिवा दूसरा देश नहीं है, जहां 40 फीसदी बैंकिंग क्षेत्र की कमान महिलाओं के हाथ में है।

क्वींटोज ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं श्रमशक्ति में शामिल हो रही हैं, लेकिन संख्या तेजी से नहीं बदल रही है। हालांकि उनका मानना है कि माहौल अभी भी महिलाओं के लिए हितकर है।

=>
=>
loading...