नई दिल्ली। मोदी सरकार की ओर से छेड़ी गई बड़ी मुहिम का डर अब विदेशों में भागकर गए भगोड़ों में साफतौर से नजर आ रहा है। यहां तक कि इस मुहिम से अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम को भी अब अपना वजूद खत्म होते दिख रहा है।
इसी वजह से उसने 1997 में कैसेट किंग गुलशन कुमार की हत्या में वांछित संगीतकार नदीम सैफी को भारतीय कानून के घेरे में न आने देने के लिए हाथ-पैर मारने शुरू कर दिए हैं। खबरों के मुताबिक़, जारी की गई एक टेप में दाऊद ने खुद फोन पर भारत सरकार की मुहिम और नदीम के बारे में फिक्र जताते सुना जा सकता है।
नदीम सैफी ने हमेशा खुद को निर्दोष बताते हुए यह कहा है कि उनका गुलशन कुमार हत्याकांड से किसी भी तरह का कोई जुड़ाव नहीं है। 12 अगस्त, 1997 को मुंबई में गुलशन कुमार की हत्या में सह-संदिग्ध के तौर पर नदीम श्रवण को नामजद किया गया था।
बता दें गुलशन कुमार को मंदिर के बाहर तीन हमलावरों ने 16 गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। एक चैनल के मुताबिक बातचीत में कोडवर्ड्स का इस्तेमाल हुआ है। नदीम सैफी का हवाला देने के लिए ‘लंदन फ्रेंड’ और ‘उस्ताद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।
हालांकि इस कोडवर्ड वाली भाषा को डिकोड करने वाले खुफिया अधिकारियों ने ‘लंदन उस्ताद’ की पहचान नदीम सैफी के तौर पर ही की है।
बातचीत के मुताबिक दाऊद फोन पर अपने एक गुर्गे से जिस शख्स बारे चिंता जता रहा है। वह और कोई नहीं नदीम सैफी ही है। बातचीत का टेप खुलासा करता है कि कैसे दाऊद का एक गुर्गा उसे वांछित संगीतकार को लेकर संभावित कानूनी खतरे बारे आगाह कर रहा है।
बता दें कि, नदीम सैफी अपने साथी श्रवण राठौर के साथ मिलकर नदीम-श्रवण के नाम से फ़िल्मों में संगीत देते थे। नदीम-श्रवण की जोड़ी को बॉलीवुड के काफ़ी सफल संगीतकार जोड़ी के तौर पर गिनी जाती थी।