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‘पोपाई’ नामक जीन से है हृदय रोग का खतरा

heartdiagram3लंदन, 16 दिसम्बर | वैज्ञानिकों ने जीन की संरचना में होने वाले ऐसे परिवर्तन का अध्ययन किया है जो मांसपेशियों और दिल के विकारों के लिए जिम्मेदार है। लंदन के इंपीरियल कॉलेज के वैज्ञानिकों ने जेब्रा के समान धारी वाली मछली में डोमेन युक्त ‘पोपाई’ नामक जीन में परिवर्तन का पता लगाया है जो मांसपेशियों और हृदय के कार्यो को प्रभावित करते हैं।

जीन ऐसे प्रोटीन का निर्माण करते हैं जो मांसपेशियों की कोशिकाओं को साथ रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं लेकिन जीन उत्परिवर्तन के वक्त मांसपेशियों की कोशिकाएं कमजोर होकर टूटने लगती हैं।

जीन उत्परिवर्तन को पहली बार इटली के फरारा विश्वविद्यालय और बीजिंग जियोनामिक्स इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने खोजा था। वैज्ञानिकों ने इटली के एक ऐसे परिवार की अनुवांशिकी का अध्ययन किया था, जिसमें परिवार के सभी सदस्य मांसपेशी डिस्ट्रॉफी (कुपोषण) रोग से पीड़ित थे।

यह परिवार ‘कार्डिएक अरीहिथीमिया’ रोग से भी ग्रसित था जिसमें दिल की धड़कनें आसामान्य हो जाती हैं।

इस अध्ययन के मुख्य लेखक थॉमस ब्रैंड के अनुसार, “यह इस विशिष्ट प्रकार के जीन का पहला उदाहरण है जो मांसपेशी और हृदय दोनों ही रोगों के लिए जिम्मेदार है।”

यह शोध ‘क्लीनीकल इंवेस्टिगेशन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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