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वैश्विक आर्थिक संकट अब रोजमर्रा की बात : जेटली

dc-Cover-20160110185636.originalनई दिल्ली | केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यहां विज्ञान भवन में केंद्र सरकार के स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम की लॉन्चिग के अवसर पर कहा कि पहले वैश्विक आर्थिक संकट दशक में एक बार आता था, लेकिन अब ऐसे संकट सामान्य और रोजमर्रा की बात हो चुके हैं। जेटली ने कहा, “पहले जहां एक दशक में एक बार ही ऐसे संकट की स्थिति पैदा होती थी, वहीं अब यह दिन में दो बार भी हो सकता है। देश के एक हिस्से में चीनी मुद्रा में गिरावट से संकट आ सकता है तो दूसरे हिस्से में तेल की कीमतों में गिरावट के कारण ऐसा हो सकता है।”

जेटली ने कहा, “कोई भी यह अनुमान नहीं लगा सकता कि सालभर वैश्विक आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी।” जेटली ने कहा कि लगातार दो कमजोर मानसूनों और निजी क्षेत्र द्वारा कम निवेश जैसी चुनौतियों के कारण देश सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने का पूरा लाभ नहीं उठा पाया। उन्होंने कहा, “इन स्थितियों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सरकार को नई योजनाओं की खोज करनी पड़ी। इसी क्रम में आबादी के 25 प्रतिशत निचले तबके को ध्यान में रखते हुए हमने ‘मुद्रा’ योजना शुरू की, ताकि वे निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों से ऋण ले पाएं।” जेटली ने कहा कि अब तक मुद्रा योजना के तहत 1.73 करोड़ लोग ऋण ले चुके हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत बैंक की हरेक शाखा एक महिला उद्यमी और एक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के एक व्यक्ति को अपनाएगा।

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