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सशस्त्र बलों में 413 जवानों ने की आत्महत्या

सशस्त्र बलों में 413 जवानों ने की आत्महत्या |नई दिल्ली | सरकार ने शुक्रवार को बताया कि 2012 के बाद से सशस्त्र बलों के कम से कम 413 जवानों ने आत्महत्या की है। इस अवधि के दौरान सेना के 334 जवान, वायुसेना में 67 जवानों ने आत्महत्या की, जबकि नौसेना के 12 जवानों की आत्महत्या की सूचना मिली।

इस बात का खुलासा रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दिया।

इसी अवधि में सेना में सहकर्मियों की हत्या करने की घटनाएं घटीं। वायुसेना में इस तरह की एक घटना घटी थी, जबकि नौसेना से ऐसे किसी मामले की सूचना नहीं है।

इस तरह की घटनाओं के कारण गिनाते हुए सिंह ने कहा कि पेशेवर जोखिम और तनाव बर्दाश्त करने की अक्षमता इसकी वजह होती है।

सिंह ने कहा, “इस तरह की घटनाओं के प्रमुख कारणों में पेशेवर खतरे, परिवार के मुद्दे/घरेलू समस्याएं, व्यक्तिगत मुद्दे, वित्तीय समस्याएं और तनाव बर्दाश्त करने में अक्षम होने जैसे मुद्दे शामिल हैं।”

इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, “रक्षा कर्मियों और उनके परिवारों के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श प्रदान करने के लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।”

सिंह ने इस तरह की घटनाओं से बचने के उपायों की सूची में अन्य उपायों के साथ योग और ध्यान को दिनचर्या में शामिल करने की बात कही।

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