नई दिल्ली। लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर इलाके में सोमवार को हुए हिमस्खलन में भारतीय सेना के 4 जवान शहीद हो गए। इसके अलावा 2 पोर्टरों की भी मौत हुई है। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि ये जवान गश्त पर थे। अचानक हिमस्खलन होने के कारण ये समुद्र तल से 18,000 और 19,000 फीट ऊंचाई पर बर्फीली चट्टानों के बीच फंस गए। उन्हें बचाने और खोज निकालने के लिए अभियान शुरू किया गया जिसके बाद हमें ये दुखद समाचार प्राप्त हुआ।
सियाचिन में इससे पहले भी कई बार ऐसे हादसों में भारतीय सेना के सैकड़ों जवान अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, साल 1984 से लेकर अब तक हिमस्खलन की घटनाओं में सेना के 35 ऑफिसर्स समेत 1000 से अधिक जवान सियाचिन में शहीद हो चुके हैं। 2016 में ऐसे ही एक घटना में मद्रास रेजीमेंट के जवान हनुमनथप्पा समेत कुल 10 सैन्यकर्मी बर्फ में दबकर शहीद हो गए थे।
सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है। पिछले महीने लद्दाख दौरे के दौरान रक्षामंत्री राजनरथ सिंह ने ग्लेशियर को पर्यटकों के लिए फिर से खोले जाने की घोषणा की थी।