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लखनऊ में धूमधाम से मनाया गया कुंग फू के जन्मदाता बोधिधर्म का जन्मदिन

लखनऊ। भारतीय कुंगफू संघ के तत्वाधान में स्थानीय ड्रैगन एकेडमी ऑफ मार्शल आर्ट और उत्तर प्रदेश कुंग फू एसोसिएशन के द्वारा आज संजय गांधी पुरम लखनऊ में कुंग फू के जन्मदाता बोधिधर्म का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अनेक कुंग फू के अभिभावकों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया और बोधिधर्मा को पुष्प अर्पण किया। संस्थान के और उत्तर प्रदेश कुंग फू एसोसिएशन के सैकड़ों खिलाड़ियों ने इस अवसर पर बोधिधर्मा के जन्मदिन को अपने ही तरीके से आयोजित किया इस अवसर पर उन्होंने श्रद्धा स्वरूप 10 किलो का एक केक काटकर के उनके जन्मदिन को मनाया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर चंद्रसेन वर्मा मैनेजिंग डायरेक्टर मीडिया मैट्रिक्स उपस्थित रहे जिन्होंने सर्वप्रथम बोधिधर्मा के चित्र के ऊपर माल्यार्पण के करके कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके बाद ड्रैगन एकेडमी ऑफ मार्शल के युवा खिलाड़ियों ने बोधिधर्मा के द्वारा सिखाई गई आज से लगभग ढाई हजार वर्ष की कला लोहान का प्रदर्शन किया और लोगों ने उनका करतल ध्वनि से उत्साहवर्धन किया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के युवा खिलाड़ियों ने कुंगफू की विभिन्न कलाओं का अत्यंत रोमांचक प्रदर्शन किया इसके पश्चात बोधिधर्मन के जीवन के ऊपर बनी हुई एक ऊपर बनी हुई एक पिक्चर सेवंथ सेंस का प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर महासचिव भारतीय कुंगफू संघ मंजू ने बताया कि बोधिधर्मा का जन्म तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम जिले में आज से लगभग ढाई हजार वर्ष वर्ष पूर्व हुआ था। आज के दिन कुंगफू की समस्त राज्य इकाइयों के द्वारा बोधिधर्मा के जन्मदिवस को संपूर्ण भारतवर्ष में बोधि दिवस के रूप में धूमधाम से मनाया जा रहा है और यह हर वर्ष मनाया जाता रहेगा। इसके बाद संस्थान के ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के द्वारा बताया गया कि किस प्रकार बोधिधर्मा (483 AD – 540 AD) भारत से चीन में जाकर के अध्यात्म बढ़ाने के लिए उन्होंने आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया और कालांतर में पूरे विश्व में फैल गई और आज पूरे विश्व में नाम से जानी जाती है। इस अवसर पर राजेंद्र कुमार गौतम ने व्याख्यान करते हुए कहा कि इस प्रकार के व्यक्तित्व का उदाहरण हजारों वर्षों में एक बार ही प्राप्त होता है जहां पर लगातार 9 वर्षों तक भूखे प्यासे रहकर के अनवरत साधना करके अपनी आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि चंद्रसेन वर्मा ने माननीय मुख्यमंत्री की एक सेल्फी प्वाइंट का भी उद्घाटन किया जोकि बच्चों में बहुतही अधिक लोकप्रिय हैं सारे बच्चों ने उनके साथ में फोटो खींचा और बोधिधर्म के जन्मदिन के अवसर पर चित्र के ऊपर पुष्प अर्पण किया। मुख्य अतिथि ने श्रद्धा स्वरूप एक केक भी काटा और बच्चों में उनको वितरित किया तथा सभी को बधाइयां प्रेषित की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के व्यक्तित्व अनुकरणीय उदाहरण है जैसे कि वर्तमान समय में इसी प्रकार के कुछ-कुछ प्रमाण प्रधानमंत्री के जीवन में उनके चरित्र में प्राप्त होता है माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी वे अपने जीवन को तपस्वी की भांति और ओजस्वी योद्धा की भांति व्यतीत कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि चंद्रसेन वर्मा को राजेंद्र कुमार गौतम ने भारत वर्ष के 348 वर्ष पुराने बौद्ध मॉनेस्ट्री से लाए गए स्मृति चिन्ह को भेंट किया। कार्यक्रम के अंत में कुमारी विदुषी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH