नई दिल्ली। गलती से 2016 में पाकिस्तान सीमा में सकहिल होने वाले जवान चंदू चव्हाण ने सेना से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा अहमदनगर स्थित सैन्य टुकड़ी के कमांडर को भेज दिया है। चव्हाण को पाकिस्तानी रेंजर्स ने करीब चार महीने तक अपने कब्जे में रखा और शारीरिक-मानसिक तौर पर बुरी तरह टॉर्चर किया। बाद में उन्हें मरणासन्न हालत में भारत को सौंप दिया था।
चंदू ने अपना एक वीडियो भी बनाया है जिसमे उसने भारतीय सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वीडियो में चंदू चौहान यह कहते नजर आ रहे हैं कि जब से वे पाकिस्तान से छूटकर भारत वापस लौटे हैं तब से उन्हें सेना की ओर से लगातार सजाएं दी जा रही हैं। चंदू चौहान ने माना है कि उनकी गलती के लिए कोर्ट मार्शल के बाद उन्हें 90 दिनों की जेल हो गई थी।
सेना के जवान का आरोप है कि उसे आए दिन किसी न किसी वजह से प्रताड़ित किया जा रहा है। जवान का कहना है कि उन्हें अहमदनगर के रेजीमेंट सेंटर में इलाज का बहाना बनाकर रखा जा रहा है, लेकिन सेना ने 3 महीने से उसका आइडेंटिटी कार्ड जब्त कर लिया है।
आपको बता दें कि चंदू की जेसीओ (जूनियर कमीशन ऑफिसर) के साथ ड्यूटी बंटवारे के कारण कुछ कहासुनी हुई थी जिसके बाद वो अपनी पोस्ट से गलती से एलओसी पार कर गए। चंदू को पाकिस्तान ने गिरफ्तार कर लिया। 7 अक्टूबर, 2016 को पाकिस्तान ने डीजीएमओ से बातचीत में स्वीकार किया कि चंदू नाम का जवान पाकिस्तान में मौजूद है। पाकिस्तान ने चार महीने बाद चंदू को अमृतसर वाघा बार्डर पर भारतीय सेना को सौंपा दिया था।