न्यूयार्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए कहा कि भारत ने दुनिया को ‘युद्ध’ का संदेश नहीं, बल्कि शांति का संदेश ‘बुद्ध’ दिया है इसलिए जब हम आतंकवाद के विरुद्ध दुनिया को आगाह करते हैं तो हमारी आवाज में न केवल गंभीरता होती है बल्कि आक्रोश भी होता है। प्रधानमंत्री ने आक्रोश का संदर्भ अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान समर्थित तत्वों द्वारा भारत में आतंकवादी घटनाओं को लेकर दिया।
संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है, तो वो देश भारत है। हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है।’ इससे पहले पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि यह अवसर इसलिये भी महत्वपूर्ण है कि इस वर्ष हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 14वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित करना, मेरे लिए गौरव का अवसर है।’
उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र की इमारत की दीवार पर आज मैंने पढ़ा- नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक। मुझे सभा को ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, उस वक्त हम पूरे भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट देकर, मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश दिया।
इस जनादेश की वजह से ही आज फिर मैं यहां हूं। अगले 5 वर्षों में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं। 2022 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा, तब तक हम गरीबों के लिए 2 करोड़ और घरों का निर्माण करने वाले हैं।’