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Chandrayaan 2 पर आया मायावती का बयान, जानें उन्होंने क्या कहा

नई दिल्ली। भले ही भारत का चंद्रमिशन फेल हो गया हो लेकिन इसरो और उसके वैज्ञानिकों की मेहनत और जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है। ये इसरो के वैज्ञानिकों की काबिलियत का ही नतीजा है कि हम चांद के इतना करीब पहुंचने में कामयाब रहे। आपको बता दें कि लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार था लेकिन चांद की सतह से महज 2.1 किमी की दूरी पर इसका इसरो से संपर्क टूट गया। भले ही इसरो को अपने इस मिशन में सफलता हाथ न लगी हो लेकिन हर ओर से उसे बधाइयां मिल रही हैं।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर ट्वीट करके कहा है कि चांद पर कदम रखने के लिए चन्द्रयान-2 मिशन ने समस्त भारतीय जनमानस को रोमांचित किया है। इस सम्बंध में भारतीय वैज्ञानिकों खासकर ’इसरो’ के वैज्ञानिकों ने अबतक जो भी सफलता प्राप्त की है वह गर्व करने लायक है व उसकी सराहना की जानी चाहिए। मायावती ने दूसरे ट्वीट में कहा कि साथ ही, आगे बढ़ते रहने के लिए यह जरूरी है कि निराशा, हताशा व दुःखी कतई न हों और यह भी याद रहे कि ‘गिरते हैं शहसवार मैदान-ए-जंग में, वह तिफ्ल (बच्चा) क्या गिरे जो घुटनों के बल चले।’ वैज्ञनिकों को देशहित में काम करते रहने के लिए उनके हौंसले बढ़ाते रहने की जरूरत है।

भारत के चंद्र मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया। इसके साथ ही 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का भविष्य अंधेरे में झूल गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष के। सिवन ने संपर्क टूटने की घोषणा करते हुए कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर का प्रदर्शन योजना के अनुरूप था।

उन्होंने कहा कि उसके बाद उसका संपर्क टूट गया। शनिवार तड़के लगभग 1.38 बजे जब 30 किलोमीटर की ऊंचाई से 1,680 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 1,471 किलोग्राम का विक्रम चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ना शुरू किया, तब सबकुछ ठीक था। इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “यह मिशन कंट्रोल सेंटर है। विक्रम लैंडर योजना अनुरूप उतर रहा था और गंतव्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका प्रदर्शन सामान्य था। उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया। डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।”

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH