नई दिल्ली। हाल ही में खबर आई थी कि मारुति सुजुकी ने हाल ही में करीब 3000 अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। अब कुछ ऐसी ही खबर पारले से भी आ रही है। खबर है कि पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड 10 हजार कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने का मन बना रही है।
पारले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने कहा है कि कंपनी 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। इसकी मुख्य वजह ग्रामीण इलाकों में बिस्किट की मांग में लगातार गिरावट होना है। पारले प्रोडक्ट्स के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने कहा कि पारले के बिस्किट की बिक्री में भारी गिरावट का मतलब है कि कंपनी को उत्पादन में कमी करनी पड़ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप 8,000-10,000 लोगों की छंटनी हो सकती है।
उन्होंने कहा, “स्थिति बेहद खराब है, इतनी कि अगर सरकार तुरंत हस्तक्षेप नहीं करती है तो हम इन पदों को खत्म करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।” मयंक शाह ने कहा कि 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से पारले बिस्कुट के पारले-जी जैसे लोकप्रिय प्रोडक्ट की मांग गिर गई है। उन्होंने कहा कि ज्यादा टैक्स ने पारले को प्रत्येक पैक में बिस्किट की मात्रा कम करने के लिए लिए मजबूर किया है, जिससे ग्रामीण भारत में कम आय वाले उपभोक्ताओं की पारले के बिस्कुट के लिए मांग घटी है। ग्रामीण भारत पारले के राजस्व में आधे से अधिक योगदान देता है।
मयंक शाह ने कहा, ”यहां के उपभोक्ता बेहद संवेदनशील हैं। उन्हें किसी विशेष मूल्य पर कितने बिस्कुट मिल रहे हैं, वह देखते हैं। अगर सब कुछ ठीक नहीं हुआ तो हमें मजबूरन अपनी कम्पनी से कर्मचारियों की छटनी करनी पड़ सकती है।