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पूर्व सांसदो ने खाली नहीं किए बंगले तो सरकार करेगी कड़ी कार्यवाही

नई दिल्ली। देश में सांसदो का जलवा देखते ही बनता है। जब तक वह सत्ता में रहते है उन्हें सरकार हर चीज़ की सुविधा देती है जिसका वह पूरा लुफ्त उठाते है। पर सांसद इतने में ही मानने वाले कहा है। वह चुनाव जीतते है और चुनाव जीतकर वह दिल्ली पहुँचते है तो उन्हें सरकारी बंगला दिया जाता है जहाँ कानून के मुताबिक वह तब तक रह सकते है जब तक उनका कार्यकाल चलता है, लेकिन कानून की तमाम बातों को ताख पर रखकर इस बंगले में अपने मन मुताबिक जब तक जी चाहें वह बने रहते है। लोकसभा में ऐसे 200 सांसद है जिनका कार्यकाल तो कब का खत्म हो चुका है पर उन्हें सरकारी आवास इस तरह से रास आ चुका है कि वह वहाँ से हिलने को तैयार ही नहीं है।

दरअसल, ऐसे 200 सासंद है जिन्होनें अब तक अपना अधिकारिक आवास खाली नहीं किया है जबकि यह सांसद 16वी लोकसभा में चुने गए थे, 17वी लोकसभा चुने जाने के बाद भी इन लोगों ने अपने बंगले खाली नहीं किए। अगर नियमों की बात की जाये तो सांसद जिस लोकसभा के लिए चुने जाते हैं, उसके भंग होने के एक महीने के भीतर उन्हें आधिकारिक आवास खाली करने होते हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश पर 25 मई को 16वीं लोकसभा भंग कर दी थी।

चूंकि 200 से ज्यादा पूर्व सांसदों ने लुटियंस दिल्ली स्थित आधिकारिक बंगले खाली नहीं किए, इस वजह से 17वीं लोकसभा के लिए चुनकर आए नए सांसदों को अस्थाई तौर पर दूसरे घरों में रहना पड़ रहा है लेकिन अब सरकार ने ऐसे सांसदों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार का आदेश है कि ऐसे सभी पूर्व सांसदों के बंगले का बिजली, पानी और गैस कनेक्शन तीन दिन में काट लेने का फैसला किया गया है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH