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पीएम मोदी ने ट्रंप से फोन पर आधे घंटे तक आखिर क्या बात की..

नई दिल्ली। कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर वहां विकास करने के भारत के प्रयासों का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थन किए जाने के कुछ ही दिनों बाद मोदी ने सोमवार को ट्रंप से 30 मिनट फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मसलों पर बातचीत हुई। इस दौराम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात कर उनको कुछ नेताओं द्वारा दिए जा रहे भारत-विरोधी उग्र बयानों से अवगत कराया। मोदी ने क्षेत्र के कुछ नेताओं द्वारा दिए जा रहे भारत विरोधी उग्र और हिंसा भड़काने वाले बयान का जिक्र किया और कहा कि यह शांति के लिए अनुकूल नहीं है। जाहिर है कि यह पाकिस्तानी नेतृत्व के संदर्भ में है जो कश्मीर मसले को लेकर भारत के विरोध में जहर उगल रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने जापान के ओसाका में इसी साल जून के आखिर में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई मुलाकात को याद किया। ओसाका में हुई द्विपक्षीय वार्ता का हवाला देते हुए उन्होंने उम्मीद जाहिर कि कि भारत के वाणिज्य मंत्री और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि शीघ्र मिलकर परस्पर हितों को लेकर द्विपक्षीय व्यापार संभावनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे। क्षेत्रीय हालात के संदर्भ में मोदी ने ट्रंप को बताया कि क्षेत्र के कुछ नेताओं द्वारा दिए जा रहे भारत विरोधी उग्र और हिंसा भड़काऊ बयान शांति के लिए ठीक नहीं है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार ट्विटर के माध्यम से मोदी पर हमले कर रहे हैं और उनको फासीवादी नस्लवादी बता रहे हैं। इमरान खान मोदी पर भारत को हिंदू वर्चस्व वाले देश में बदलने का आरोप लगा रहे हैं और भारत में मुस्लिमों को मताधिकार से वंचित करने व आरएसएस के गुंडों के उपद्रव मचाने की बात कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, मोदी ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान आतंक और हिंसा से मुक्त वातावरण का निर्माण करने और सीमापार आतंकवाद पर लगाम लगाने के महत्व पर प्रकाश डाला। मोदी ने निर्धनता, निरक्षरता और बीमारी से लड़ने की दिशा में इस मार्ग का अनुसरण करने वाले हर किसी के साथ सहयोग करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। बयान के अनुसार, अफगानिस्ता की स्वतंत्रता के सोमवार को 100 साल पूरे होने के अवसर पर उन्होंने संयुक्त, सुरक्षित, लोकतांत्रिक और सही मायने में आजाद अफगानिस्तान के लिए भारत की लंबी और दृढ़निश्चय प्रतिबद्धता दोहराई।

 

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH