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कश्मीर से कन्याकुमारी तक बिखरे बकरीद और सावन के रंग

नई दिल्ली। देश में आज दो खास मौके है एक तो सावन का अंतिम सोमवार है तो दूसरा ईद-उल-अजहा का। देश भर में शिव मंदिरों और मस्जिदों में सुबह से ही पूजा-पाठ करने और नमाज़ अदा करने वालों की भीड़ देखी जा सकती है। आज हिंदु और मुस्लिम दोनो ही समुदाय के लोग अपने अपने त्योहारों के रंग में रंगे नज़र आ रहे है। बाज़ारों में सेवइँयों और बेल पत्र की दुकाने कल ही से बाज़ारों की शोभा बढ़ा रही है। शिवालयों में लोग जल चढ़ाकर जहाँ भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे है तो वही लोग मस्जिदो के बाहर एक-दूसरे से गले मिलकर एक दूसरे को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दे रहे है ।

कुछ ऐसा ही माहौल आज कश्मीर में भी देखने को मिल सकता है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि सोमवार को ईद-उल-अजहा के मौके पर कश्मीर में लोगों को मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाज़त दी जाएगी। मोबाइल और लैंडलाइन फोन पर लगी रोक भी जल्द ही हटा ली जाएगी। आगे अधिकारी ने यह भी बताया कि सरकार की पहली प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखना और किसी उपद्रव और जानमाल की हानि को रोकना है। जिला प्रशासन लगातार हालात की समीक्षा कर रहे हैं और वे लोगों को ईद पर मस्जिद में नमाज पढ़ने की सुविधा देंगे। प्रशासन ने शुक्रवार को लोगों को स्थानीय मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत दी थी। हालांकि, घाटी में बड़ी संख्या में लोगों के एक स्थान पर जमा होने की इजाज़त नहीं दी गई।

इसके बाद संचार संसाधनों पर रोक के बारे में बताते हुए कहा कि यह अस्थायी उपाय है, ताकि अफवाहों और गलत सूचनाओं को फैलने से रोका जा सके। उनका कहना यह भी थी कि‘सरकार जमीनी हालात को लेकर संवेदनशील है और लोगों को कम से कम असुविधा हो इसका ध्यान रख रही है। रोजाना या हर दूसरे दिन प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है। हम फोन पर से रोक हटाने का फैसला जितनी जल्दी संभव होगा, लेंगे’। अधिकारी ने कहा कि सभी फैसले केंद्र सरकार की ओर से नहीं लिए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन अपने स्तर पर जरूरत के हिसाब से कानून- व्यवस्था को लेकर फैसला ले रहा है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH