नई दिल्ली। ISRO वैज्ञानिक जहां एक ओर चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में दिन-रात एक किए हुए हैं वहीं केंद्र सरकार इसरो वैज्ञानिकों की तनख्वा काटने में लगी है।
शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि इसरो वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को साल 1996 से दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि के रूप में मिल रही प्रोत्साहन अनुदान राशि को बंद किया जा रहा है।
मोदी सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि 1 जुलाई 2019 से इसरो कर्मचारियों को मिल रहा अतिरिक्त प्रोत्साहन अनुदान राशि बंद कर दी जाएगी।
सरकार के इस आदेश के बाद इसरो के लगभग 90 फीसदी वैज्ञानिक और इंजीनियर प्रभावित होंगे। इन कर्मचारियों को लगभग 8-10 हजार रुपए की सैलरी का नुकसान होगा।
आपको बता दें कि साल 1996 में केंद्र सरकार ने इसरो की ओर वैज्ञानिकों के झुकाव को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहिन राशि देने की शुरूआत की गई थी।
केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वित्त मंत्रालय और व्यय विभाग ने अंतरिक्ष विभाग को सलाह दी है कि वह इस प्रोत्साहन राशि को बंद करे। इसकी जगह अब सिर्फ परफॉर्मेंस रिलेटेड इंसेंटिव स्कीम (PRIS) लागू की गई है।