नई दिल्ली। भारत और म्यांमार की सेनाओं ने मणिपुर, नगालैण्ड और असम में सक्रिय विभिन्न उग्रवादी समूहों को निशाना बनाते हुए उनके कई ठिकानों को तबाह कर दिया। इनमें कामतापुर लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (केएलओ), एनएससीएन (खापलांग), उल्फा (1) और नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के ठिकाने शामिल हैं। इसके अलावा 70 से ज्यादा उग्रवादियों को दबोच लिया गया।
अभियान की सफलतापूर्वक समाप्ति के बाद रक्षा सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन सनशाइन-2 का पहला चरण भारत-म्यांमार सीमा पर तीन महीने पहले चलाया गया था। इस दौरान पूर्वोत्तर के उग्रवादी गिरोहों के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया गया था। म्यांमार भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में से एक है और उग्रवाद प्रभावित मणिपुर तथा नगालैंड सहित पूर्वोत्तर राज्यों से इसकी 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। भारत सीमा रक्षा के लिए दोनों देशों की सेनाओं के बीच गहरे समन्वय पर जोर देता रहा है।
सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन सनशाइन-2 के दौरान उग्रवादी समूहों के शिविरों को नष्ट करने के लिए दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे का सहयोग किया। सूत्रों ने बताया कि दोनों देश खुफिया सूचनाओं और जमीनी स्थिति के आधार पर अभियान का अगला चरण भी शुरू कर सकते हैं। अभियान में भारतीय सेना के साथ ही असम राइफल्स के जवान भी शामिल थे। इससे पहले 22 से 26 फरवरी तक ऑपरेशन सनशाइन-1 चलाया गया था। तब भारतीय सेना ने अपनी सीमा में अराकान उग्रवादी समूह के खिलाफ एक्शन लिया था।