रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल केदारनाथ के रास्ते में आने वाले मुख्य पड़ावों का जायजा लेने के लिए पर्यटक के भेष में निकले थे जिससे उन्हें कोई पहचान न पाए। इस दौरान सिपाही अमर सिंह ने उनकी गाड़ी को गौरीकुंड से आगे बढ़ने से रोक दिया था। डीएम उससे लाख मिन्नतें करते रहे। उसे रु का लालच देने की भी कोशिश की लेकिन सिपाही ने उनकी एक न सुनी।
इतना ही नहीं सिपाही ने इस दौरान उन्हें जेल भेजने की धमकी तक दे डाली। सिपाही को भी नहीं पता था कि अंदर डीएम बैठे हुए हैं। अब डीएम मंगेश घिल्डियाल ने इस सिपाही को सम्मानित करने का फैसला किया है।
ये घटना बुधवार रात की बताई जा रही है। उस वक्त मंगेश घिल्डियाल हिमालयी धाम में व्यवस्था का जायजा लेने के लिए निकले थे। बता दें कि कांस्टेबल मोहन सिंह इस वक्त रुद्रप्रयाग के सोनप्रयाग बैरियर पर तैनात हैं और ये जगह केदारनाथ यात्रा का अहम पड़ाव है।
कॉन्स्टेबल ने जिलाधिकारी को तभी आगे जाने की अनुमति दी जब उन्होंने अपना निजी वाहन सोनप्रयाग में छोड़ दिया। डीएम घिल्डियाल ने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के कारण कर्मचारियों पर बहुत दबाव रहता है लेकिन ऐसे समय में वह कॉन्स्टेबल नियमों पर अड़ा रहा। डीएम ने कहा कि ऐसा करके उसने अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।