फिरोजाबाद। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव मे प्रातः आज बालक तीर्थंकर के पिता श्री समुद्र विजय का राजदरबार लगा हुआ था। दरबार मे सौधर्म इंद्र, सनत इंद्र, धनपति कुबेर, कापिष्ठ इंद्र, लांतवेंद्र इंद्र, यज्ञ नायक, महा यज्ञ नायक आदि अनेकों इंद्र राजदरबार मे अपने अपने स्थान पर बैठे थे कि ठीक प्रातः 8 बजे जैसे ही राजदरबार मे बालक के जन्म की खबर महाराज समुद्र विजय को सुनाई दी राज दरबार मे घंटे घड़ियाल एक साथ बजने लगे। इन्द्रो का सिंहासन हिलने लगा। चारों दिशाओं मे जयकारों कि गूंज से पंडाल भर गया। तब इंद्रों ने बालक तीर्थंकर पर रत्नो की वर्षा की। तत्पश्चात इंद्रों द्वारा एक भव्य और विशालकाय रथयात्रा निकाली गई।
रथयात्रा मे सबसे पहले सौधर्म इंद्र अपने विजयी रथ पर विराजमान थे। उनके बाद कापिष्ठ इंद्र, लांतवेंद्र इंद्र,यज्ञ नायक, महा यज्ञ नायक, ईशान इंद्र, धनपति कुबेर अपने अपने विजई रथ पर सवार होकर चल रहे थे और सबसे अंत मे ऐरावत हाथी पर श्री जी स्वयं विराजमान होकर अपने जिन भक्तों के साथ चल रहे थे। रथ यात्रा अट्टावला जैन मंदिर से चलकर घंटाघर, रानीवाला, बस स्टैंड होते हुए श्री छदामीलाल श्री महावीर जिनालय पर संपन्न हुइ। उसके बाद मेला प्रांगण मे स्थित पाण्डुक शिला पर 1008 स्वर्ण कलशों से श्री जी जन्माभिषेक किया गया। रथयात्रा संयोजक संजीव जैन एडवोकेट तथा सुनील जैन ने कहा कि आज रथयात्रा के रास्ते मे हमारे वीर मण्डल परिवार के साथ साथ प्रशासन की बहुत अच्छी व्यवस्था रही।
दोनों आपस मे एक दूसरे का सहयोग करते हुए कहीं भी जाम नहीं लगने दिया। इतनी विशालकाय रथ यात्रा मे भी ट्रैफिक व्यवस्था दुरस्त रही। कल शाम को बालक तीर्थंकर की माता शिवा देवी की इंद्रों ने तथा पंडाल मे मौजूद सैकड़ों जिन भक्तों गोद भराई की रस्म पुरी की तत्पश्चात रात्रि मे मे राजा समुद्रविजय के दरबार मे माता शिवा देवी के द्वारा देखे गये सोलह स्वनों का राजगुरु ने फलादेश बताया उन्होंने कहा की हैं माता आपके राजदरबार मे कोई साधारण बालक जन्म नहीं ले रहा बल्कि एक तीर्थंकर बालक जबम ले रहा हैं। और उसके बाद राजदरबार मे इंद्रों द्वारा तत्व चर्चा तथा छप्पनकुमारियों द्वारा माता को भेंट समर्पित की गई। इस सभा मे अरुण जैन पीली कोठी, अशोक जैन गिरधर ग्लास, दुगेश जैन, निमिष जैन, विशाल जैन एडवोकेट, अनुज जैन रोहित जैन मनोज जैन अवनीश गुप्ता, सुविधि जैन, दीपक जैन अत्तार, सचिन जैन, आदि का सहयोग रहा।