फिरोजाबाद। फ़िरोज़ाबाद नगर सुहाग नगरी की जगह धर्मनगरी मे बदला हुआ नज़र आया। सुबह 6 बजे से ही नगर मे जिन भक्तों की जगह जगह हलचल दिखाई देने लगी। प्रातःकाल मे कार्यक्रमों के शुरुआत में महोत्सव समिति एवं इंद्रों की वेशभूषा में पुजारियों द्वारा सबसे पहले देव आज्ञा तथा गुरुआज्ञा ली गई। इसके बाद प्रतिष्ठाचार्य श्री सतीश जैन शास्त्री और श्री मुकेश जैन शास्त्री को सभी कार्यक्रमों को पूर्ण विधि विधान से कराने हेतु आमंत्रित किया गया।
इसके बाद जैन यूथ क्लब द्वारा श्री जी को पालकी मे बैठाकर वीर मण्डल परिवार के सुरक्षा घेरे मे बैंड बाज़ों की मधुर ध्वनि के बीच श्री चन्द्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर ले जाया गया। वहां नगर के इतिहास मे दूसरी बार लगभग 600 छप्पनकुमारियों के साथ बहुत ही विशाल और भव्य घटयात्रा निकाली गई। जिसमें सबसे आगे जिन शासन का ध्वज जैन दर्शन की महत्ता बताते हुए चल रहा था। उसके पीछे ऊंटों पर नगाड़ों की ध्वनि गुंजायमान हों रही थीं। तथा उसके बाद छप्पनकुमारियाँ अपने सिर पर स्वर्ण कलश लेकर बैंड की मधुर ध्वनि के साथ इस तरह चल रही थीं मानो कुछ समय के लिए स्वर्ग इस धरती पर उतर आया हो।
मुनि श्री सौभाग्य सागर जी अपने भक्तों के साथ पैदल विहार कर रहे थे और फिर अंत मे सैकड़ों जिन भक्त नंगे पांव श्री जी को विशालकाय रथ मे बैठाकर उस रथ अपने हाथों से खींचते हुए ले जा रहे थे। यह घटयात्रा श्री चन्द्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर से प्रारम्भ होकर सदर बाजार, रानीवाला, बस स्टैंड होते हुए श्री छदामीलाल श्री महावीर जैनालय पर संपन्न हुइ। इस घटयात्रा के रास्ते मे वीर मण्डल परिवार के द्वारा प्रशासन के सहयोग से पूरी ट्रैफिक व्यवस्था संभाली गई। रास्ते मे आम जनता को भी कोई परेशानी न हों इसके लिए परिवार के सदस्यों ने ट्रैफिक सुचारु रूप से चले इसका पूरी ख्याल रखा।