नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी की सुनामी ऐसी चली कि तमाम विपक्षी दल बह गए या यूं कहें नेस्तनाबूद हो गए। सबसे बुरा हाल हुआ कांग्रेस का। कई राज्यों में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई। 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में महज उसे 1 सीट मिली। इतना ही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अमेठी से चुनाव हार गए।
राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के और भी ऐसे दिग्गज नेताओं ने अपनी घरेलू सीट हारी हैं। इन्ही में से एक हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया। उन्हें भाजपा के केपी यादव ने हराया। मध्यप्रदेश के गठन के बाद यह पहला मौका है जब सिंधिया परिवार का कोई सदस्य हारा है। भाजपा प्रत्याशी केपी यादव ने सिंधिया को 1 लाख 36 हजार वोटों से हराया। केपी एमबीबीएस डॉक्टर हैं। उनके पिता अशोकनगर में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। केपी यादव कभी ज्योतिरादिज्य सिंधिया के करीबी हुआ करते थे। उन्होंने सिंधिया को चुनाव जिताने में अहम भूमिका निभाई थी।
कहा जाता है कि एक सेल्फी की वजह केपी यादव ने सिंधिया का साथ छोड़ दिया था। दरअसल एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है जिसमें केपी यादव कार में बैठे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सेल्फी लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। बताया जाता है कि केपी यादव ने एक बार ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सेल्फी लेने को कहा, जिसपर उन्होंने केपी यादव को डांट लगा दी थी।
इतना ही नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी ने भी यही सेल्फी वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर केपी यादव का मज़ाक उड़ाया था। यही बात केपी यादव को दिल पर लग गई जिसके बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ने का मन बनाया। चूंकि गुना कांग्रेस का गढ़ रहा है और भाजपा को यहां हार ही नसीब होती आई है इसलिए भाजपा आलाकमान ने केपी यादव पर दांव खेला। नतीजा सबके सामने है। केपी यादव ने उन्होंने एक लाख 36 हजार वोटों से मात दे दी।