नई दिल्ली। पाकिस्तान को कभी भी भारत की सफलता रास नही आती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम मोदी को लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत की बधाई दी है। वहां की मीडिया की मानसिकता अब भी नही बदल रही है। पाकिस्तान के नामी अखबार द डॉन ने अपने संपादकीय में इस जीत पर चिंता जताई है। उसमें कहा है कि उन्हें उम्मीद थी कि भारत की अर्थव्यवस्था पीएम मोदी के वोट बैंक पर भारी पड़ेगी जोकि चुनावी पंडितों ने कहा था। मोदी की प्रचंड जीत के बाद सारी भविष्यवाणी गलत साबित हो गई है।
संपादकीय ने मोदी के खिलाफ लिखते हुए कहा कि इस चुनाव के बाद यह साफ़ हो गया है कि मतदाताओं को लुभाने के लिए धार्मिक घृणा और सांप्रदायिक राजनीति को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह बात पूरे चुनाव प्रचार के दौरान दिखती रही कि वो मुसलमान और पाकिस्तान के खिलाफ ही रहे हैं। इसके अलावा भारत को पाकिस्तान के खिलाफ भड़काया गया और भारत पाकिस्तान के बीच की रंजिश को हथियार बनाकर चुनाव में जीत हासिल की है।
अख़बार में अपनी उम्मीद जताते हुए मोदी सरकार से शांन्ति बनाए रखने की बात कही है। उसमें लिखा कि वह उम्मीद करते है कि इस बार सरकार कट्टरवादी हिंदु संगठनों पर लगाम लगाएगी, जो मुस्लिमों से नफरत करते हैं। पाकिस्तान ने पहले भी कई बार विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत से वार्ता की मेज पर आने की अपील की है। भारत हर बार इस अपील को ठुकराता रहा है।
अखबार के मुताबिक, चुनाव परिणाम सामने आने से एक दिन पहले ही एक फोटोग्राफर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की एक साथ फोटो कैप्चर की थी। यह फोटो किर्गिस्तान के बिश्केक में एससीओ की बैठक से इतर खींची गई थी। मीडिया में आई खबरों में यहां तक कहा गया था कि सुषमा ने कुरैशी के साथ स्वीट्स शेयर किए पूर्व में हुई बातचीत को भी याद किया। इस फोटो के सामने आने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि रमजान के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बात हो सकती है।