लोकसभा चुनाव के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई दुश्मन पैदा हो बैठे हैं। जिसके वजह से वाराणसी से चुनौती देने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव, 111 तमिलनाडु के किसान और चंद्रशेखर रावण के अलावा जंतर-मंतर पर सात साल से अपने जिंदा होने का प्रमाण देने के लिए प्रदर्शन पर बैठे संतोष मुरात सिंह ने वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा की हैसंतोष ने बतया कि अपने जिंदा होने की लड़ाई लड़ने के लिए वह हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। बता दें उन्होंने 2017 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भी दाखिल किया, लेकिन प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।उन्होंने एक हैरान करने वाली बात कही है कि जिंदा होने के प्रमाण के लिए उन्होंने मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। संतोष वाराणसी से मोदी के नामांकन दाखिल करने वाले दिन ही अपना नामांकन दाखिल करेंगे।बीएसएफ जवान संतोष उनकी की लड़ाई 2003 में शुरू हुई जब एक दलित लड़की से शादी करने पर उनके चचेरे भाइयों ने उन्हें जायदाद से बेदखल कर उन्हें मृत घोषित करवा दिया।अपनी 12 एकड़ की जमीन वापस पाने के लिए संतोष ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मायावती, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक के दरवाजे खटखटा चुके हैं, लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाया।
“खुद को जिंदा साबित करने के लिए मोदी के खिलाफ चुनाव लडूंगा”, BSF जवान ने वाराणसी से किया नामांकन
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