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जानिए क्यों हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार के वक़्त लाश के सर को मारकर तोड़ा जाता है

यदि इंसान का जीवन मिला है तो एक न एक दिन मरना जरूर है, और यह क्रिया कभी खत्म नही होती यह क्रिया चलती ही रहती। जो इंसान पैदा हुआ है उसे समाप्त भी होना है। आपने ये अक्सर शमशान में देखा होगा की लाश को जलाने के बाद अंत मे लाश के खोपड़ी को कुछ लोग डंडे या किसी और चीज से मार कर तोड़ते हैं। क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है।हिन्दू शास्त्र के मुताबिक, मरने के बाद इंसान की आत्मा हमेशा के लिए मुक्त हो कर दूसरे शरीर मे अपना स्थान बना लेती है। कई सारे तांत्रिक या अन्य व्यक्ति आत्माओं को अपने वश में करके उनसे गलत कार्य भी कराते हैं और दूसरों को नुकसान भी पहुंचाते हैंबता दें कि ये तांत्रिक आत्माओं को अपने कब्जे में करने के लिए किसी ताजे लाश के सिर की तलाश करते हैं क्योंकि सिर ही एक ऐसी चीज है जिसमे इंसान का सभी कंट्रोल रहता है। इस सिर को तांत्रिक कंट्रोल में लेकर उसके आत्मा को अपने कब्जे में कर लेते हैं। इसीलिए हिन्दू धर्म मे किसी व्यक्ति के मरने के बाद उसके लाश को जलाकर उसके खोपड़ी को तोड़ दिया जाता है ताकि कोई तांत्रिक इस खोपड़ी के जरिये किसी आत्मा को वश में करके गलत काम न करा सके।

 

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Prarthana Srivastava