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HOLI 2019: ग्रह नक्षत्रों का बन रहा है संयोग, इस विधि से होलिका दहन करने से होगी हर मनोकामना पूरी, जानें शुभ मुहूर्त

21 मार्च यानी गुरुवार को होली का शुभ पर्व है। एक दिन पहले 20 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। इस बार होलिका दहन में ग्रह नक्षत्रों का शुभ संयोग बना है। ज्योतिषों के अनुसार, 715 साल बाद शुभ संयोग आया है।

दहन के समय अग्नि सूर्य का उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होगा। इस समय चन्द्रमा कन्या राशि में होगा। जबकि, शनि धनु राशि में बैठा है। शनि की दसवीं दृष्टि चंद्र पर होगी। सूर्य और शनि आपकी कुंडली के सारे दोष दूर करेंगे। इस बार होलिका दहन में आपके सारे दोष दूर होंगे और दुर्भाग्य जलकर ख़ाक हो जाएगा।

कष्टों से मुक्ति पाने के लिए होलिका दहन के दिन करें ये विशेष काम-

– होलिका दहन के समय अग्नि को प्रणाम करें, भूमि पर जल डालें।

– अग्नि में गेंहू की बालियां, गोबर के उपले और काले तिल के दाने डालें।

– अग्नि की परिक्रमा कम से कम तीन बार करें।

– इसके बाद अग्नि को प्रणाम करके अपनी मनोकामनाएं कहें।

– होलिका की अग्नि की राख से स्वयं का और घर के लोगों का तिलक करें।

धनलाभ के लिए होलिका दहन के समय ये उपाय करें-

– होलिका दहन स्थान पर गुलाब का इत्र चढ़ाएं और होलिका दहन का भभूत घर लेकर जाएं।

– इस भभूत को घर में रखें। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें।

– खीर या बर्फी का भोग लगाएं।

– ॐ महालक्ष्म्यै नमः का जाप करें।

– गुलाबी गुलाल से खुद को तिलक लगाएं।

कार्य बाधा दोष दूर होगा-

कारोबार और रोजागार की बाधा को दूर करने के लिए होलिका दहन के बाद रात के समय 11 पीपल के पत्ते लें। नारंगी सिन्दूर चमेली के तेल में घोल लें। पीपल के पत्तों पर राम राम लिखें। एक-एक लड्डू रखें और ये सब हनुमानजी को चढ़ाएं। साथ में लाल गुलाल भी चढ़ाएं। जल्द ही आपके अटके हुए काम बनने लगेंगे।

होलिका दहन का सही मुहूर्त-

होलिका दहन मुहूर्त- 21:05 से 11:31 तक.

भद्रा पूंछ- 17:23 से 18:24 तक.

भद्रा मुख- 18:24 से 20:07 तक.

रंगवाली होली- 21 मार्च को खेली जाएगी.

पूर्णिमा तिथि आरंभ- 10:44 (20 मार्च)

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 07:12 (21 मार्च)

कैसे करें होलिका दहन- 

– होलिका दहन के स्थान को पहले गंगाजल से शुद्ध करें.

– होलिका डंडा बीच में रखें. भक्त प्रहलाद का प्रतीक एक डंडा होता है.

– डंडे के चारों तरफ पहले चन्दन लकड़ी डालें.

– इसके बाद सामान्य लकड़ियां, उपले और घास चढ़ाएं.

– कपूर से अग्नि प्रज्वलित करें-

– होलिका दहन में पहले श्री गणेश हनुमान जी और शीतला माता भैरव जी की पूजा करें.

– अग्नि में रोली, पुष्प, चावल, साबूत मूंग, हरे चने, पापड़, नारियल आदि चीजें चढ़ाएं.

– चारों तरफ सूखे उपले, सूखी लकड़ी, सूखी घास रखें. इसके बाद अग्नि जलाएं और होलिका दहन करें.

– मन्त्र -ॐ प्रह्लादये नमः बोलकर परिक्रमा करें.

होलिका की अग्नि में क्या अर्पित करें-

– अच्छे स्वास्थ्य के लिए- होलिका की अग्नि में काले तिल के दाने अर्पित करें.

– बीमारी से मुक्ति के लिए– हरी इलाइची और कपूर अर्पित करें.

– धन लाभ के लिए- चन्दन की लकड़ी अर्पित करें.

– रोजगार के लिए- पीली सरसों अर्पित करें.

– विवाह और वैवाहिक समस्याओं के लिए- हवन सामग्री अर्पित करें.

– नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति के लिए- काली सरसों अर्पित करें.

 

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Prarthana Srivastava