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ये हैं दुनिया की तीन सबसे खतरनाक सर्जिकल स्ट्राइक्स, जिन्होंने इतिहास बदलकर रख दिया

नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक का मतलब होता है दुश्मन को घर में घुसकर मारना। दुनिया में कई देशों ने दुश्मन के घर में घुसकर घातक सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया है। भारत भी उनमें से एक है। आज हम आपको दुनिया की तीन सबसे खतरनाक सर्जिकल स्ट्राइक्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने इतिहास को बदलकर रख दिया।

पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन का खात्मा:

11 सितंबर 2001 का वह दिन किसी आम दिन जैसा ही था। हर कोई अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त था। सब कुछ आराम से चल रहा था। तभी टीवी पर आई एक खबर ने पूरे अमेरिका को हिला कर रख दिया। खबर थी कि अमेरिका की प्रसिद्ध बिल्डिंग वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर कई प्लेन टकरा गए, जिससे पूरे अमेरिका में अफरा-तफ़री मच गई थी। लोग अपने परिजनों को फ़ोन कर रहे थे। टीवी पर मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा था। देखते ही देखते अमेरिका में मातम छा गया। इस हमले का मास्टरमाइएंड था अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन।

हमले के बाद से अमेरिकी खुफिया एजेंसियां पागलों की तरह ओसामा बिन लादेन की तलाश में जुट गईं। लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपा बैठा था। अमेरिका ने उसे खत्म करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की खुफिया रणनीति बनाई। मई 2011 में अमेरिका के सबसे खतरनाक कमांडो कहे जाने वाले सील की टुकड़ी दो हेलीकॉप्टर में सवार होकर रात के अंधेरे में एबटाबाद पहुंची। इसके बाद थोड़ी देर तक लादेन का मकान गोलियों और बमों की तड़तड़ाहट से थर्राता रहा। गोलियों की आवाज़ तभी थमी जब अमेरिकी फौज ने लादेन को मार गिराया। इसके बाद अमेरिकी कमांडो जैसे आए थे, वैसे ही लौट गए।

भारतीय सेना की म्यांमार में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक:

NSCN के उग्रवादियों ने 4 जून 2015 को मणिपुर के चंदेल में फौज की टुकड़ी पर हमला किया था। इस आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हुए थे।10 जून 2015 को इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय जवानों ने म्यांमार की सीमा में घुसकर 40 मिनट के ऑपरेशन में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। तब फौज ने म्यांमार में दाखिल होकर आतंकी संगठन NSCN के टेरर कैंप को तबाह करते हुए कई आतंकियों को ढेर कर दिया था।

UGANDA में हुआ ऑपरेशन एंतेब्बे:

जून 1976 में इजरायल ने युगांडा के एंतेब्बे एयरपोर्ट पहुंचकर अपने बंधक नागरिकों को छुड़ाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इजराइली सैनिक ऑपरेशन शुरू होने के 20 मिनट बाद ही अपहरणकर्ताओं का खात्मा कर, अपने नागरिकों को लेकर लौट गए थे। इस ऑप्रेशन में सात अपहरणकर्ता, 20 युगांडाई सैनिक और सिर्फ एक इजरायल का सैनिक मारा गया था।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH