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भारत का एक ऐसा शहर जिसने आज़ादी के 72 साल बाद मनाया जश्न, किया ऐसा काम…

साल 2018 में देश ने अपनी आज़ादी के 72 साल पुरे कर चुका है। आज देश जिस मुकाम पर है उससे सभी देश वासी भलीभांति परिचित है। देश आज प्रगति कि राह पर है, बच्चे, बूढ़े या नौजवान सभी देश की प्रगति में हाथ बढ़ा रहे हैं। भारतीय सेना में जल सेना हो थल या वायु हमारे देश की सेना आज किसी भी देश के मुकाबले काम नहीं है। आज सभी को रोज़गार मिल रहा है, जगह-जगह फैक्ट्री बन रही हैं, सड़के बन रह है। इस प्रगति के चलते भारत में हर दिन जश्न का दिन होता है।देश की 72 वीं स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश में जश्न का माहौल था, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत का एक ऐसा शहर भी है जिसने इन 72 सालों में कभी जश्न नहीं मनाया। आज़ादी मिलने के बाद भी ये शहर आज़ाद नहीं हुआ था।हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के एक गांव की जिसने आज़ादी के 72 साल बाद जश्न मनाया है। इन दिनों इस गांव में हर दिन दीवाली के रूप में मनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के हरगावा के झलपी पारा गांव में इन दिनों जश्न का माहौल है। वजह है कि इस गांव में आजादी (1947) के बाद पहली बार बिजली आई है। स्थानीय लोगों ने इस मौके पर एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई।

यहां गांव के लोगों का कहना है कि बिजली नहीं होने की वजह से वे अब तक ‘खुद को अंग्रेज’ समझते थे, जिसे सरकार ने भुला दिया था। स्थानीय विधायक हमारी बातों पर ध्यान नहीं देते थे, लेकिन मीडिया की वजह से हमारा दर्द अधिकारियों के पास तक पहुंचा और हमें बिजली मिली।इंजिनियर इन-चार्ज आर। नामदेव ने बताया कि जब उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि इस गांव में नहीं है, तब उन्होने इस बात पर गौर किया इस पे एक्शन लिया। स्थानीय लोगों ने भी कहा कि उनके गांव में पांच साल पहले ही ट्रांसफर्मर लगे और कुछ महीनों पहले मीटर भी घरों में लगा दी गई। इसके बावजूद यहां बिजली नहीं आई। हमने तुरंत इस पर ऐक्शन लिया और अब गांव में बिजली आ गई।

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Prarthana Srivastava