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हिन्दी आलोचना के शिखर पुरुष नामवर सिंह निधन, शोक में डूबा साहित्यिक जगत

हिंदी के मशहूर आलोचक और साहित्यकार डॉक्टर नामवर सिंह का मंगलवार रात करीब 11:50 बजे निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के ऐम्स हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। उनका अंतिम संस्कार बुद्धवार तीन बजे लोधी रोड शवगृह में किया जाएगा।

जीयनपुर में जन्मे नामवर सिंह के निधन से हिन्दी साहित्य जगत में मातम छा गया है। साहित्य अकादमी जनवादी लेखक संघ, प्रगतिशील लेखक संघ एवं जन संस्कृति मंच ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।नामवर सिंह की प्रमुख रचनाएं : उनकी मुख्य, हिन्‍दी के विकास में अपभ्रंश का योग, आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियां, छायावाद, पृथ्वीराज रासो की भाषा, इतिहास और आलोचना, कहानी नई कहानी, कविता के नए प्रतिमान, दूसरी परंपरा की खोज, वाद विवाद संवाद जैसी आलोचना और कहना न होगा जैसे साक्षात्कार जैसी रचनाएं प्रमुख हैं।

साहित्य जगत में गहरा शोक : साहित्य और पत्रकारिता जगत के दिग्गजों ने नामवर सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है। वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि वे एक नायाब आलोचक और साहित्य में दूसरी परंपरा के अन्वेषी थे। उन्होंने ट्वीट किया, हिंदी में फिर सन्नाटे की ख़बर, नायाब आलोचक, साहित्य में दूसरी परंपरा के अन्वेषी, डॉ. नामवर सिंह नहीं रहे।वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने उनके निधन पर ट्वीट में लिखा, ‘हिंदी में फिर सन्नाटे की खबर। नायाब आलोचक, साहित्य में दूसरी परम्परा के अन्वेषी, डॉ नामवर सिंह नहीं रहे। मंगलवार को आधी रात होते-न-होते उन्होंने आखिरी सांस ली। कुछ समय से एम्स में भर्ती थे। 26 जुलाई को वह 93 के हो जाते। उन्होंने अच्छा जीवन जिया, बड़ा जीवन पाया। नतशीश नमन।

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Prarthana Srivastava