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सरकार के फैसले पर हुर्रियत नेता का बयान, हमने किसी ने नहीं मांगी सुरक्षा

नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में बैठे अलगाववादी नेताओं पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है। सरकार ने मीरवाइज उमर फारूक, अब्दुल ग़नी भट्ट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी और शब्बीर शाह की सुरक्षा को वापस ले लिया है।

वहीँ इस मामले पर हुर्रियत कांफ्रेंस ने कहा कि उन्होंने कभी सुरक्षा नहीं मांगी थी। मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत कांफ्रेस ने एक बयान में कहा, “सरकार ने खुद ही अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला लिया, जिसकी कभी मांग नहीं की गई।” मीरवाइज उमर फारूक, उन पांच अलगाववादी नेताओं में शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा वापस ली गई है।

बयान में आगे कहा गया, “मीरवाइज उमर फारूक ने वास्तव में कई बार शुक्रवार के उपदेश के दौरान कहा कि वह चाहते हैं कि सुरक्षा वापस ले ली जाए।” बयान में कहा गया, “सुरक्षा वापस लेने के फैसले से न तो अलगाववादी नेताओं के रुख में बदलाव आएगा न हीं इससे जमीनी हालात पर कोई असर पड़ेगा।” सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह फैसला रविवार शाम से लागू किया जाएगा।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH