लखनऊ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक छात्र नेता के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने जा रहे पूर्व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोक दिया गया। इस दौरान अखिलेश की एयरपोर्ट पर ही पुलिस-प्रशासन से नोक झोंक भी हुई। अखिलेश यादव को लखनऊ एयरपोर्ट से प्रयागराज न आने देने की खबर मिलते ही प्रयागराज एयरपोर्ट के बाहर जुटे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उधर, इस बात की जानकारी जैसे ही सपा के सदस्यों को हुई, उन्होंने विधानसभा और विधान परिषद में जोरदार हंगामा करना शुरू कर दिया।
वहीँ, अखिलेश को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोके जाने पर मायावती भी भड़क गई हैं। हाल ही में ट्विटर पर आईं मायावती ने लिखा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को आज इलाहाबाद नहीं जाने देने के लिए उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक लेने की घटना अति-निंदनीय व बीजेपी सरकार की तानाशाही व लोकतंत्र की हत्या की प्रतीक है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को आज इलाहाबाद नहीं जाने देने कि लिये उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक लेने की घटना अति-निन्दनीय व बीजेपी सरकार की तानाशाही व लोकतंत्र की हत्या की प्रतीक।
— Mayawati (@SushriMayawati) February 12, 2019
इस घटनाक्रम के बाद अखिलेश ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि एक छात्र नेता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से सरकार इतनी डर रही है कि उन्हें लखनऊ हवाई-अड्डे पर रोक दिया गया। अखिलेश ने लिखा, “मुझे लखनऊ एयरपोर्ट पर बंधक बनाया गया है। बिना किसी लिखित आदेश के मुझे हवाई जहाज पर चढ़ने से रोका जा रहा है। इससे साफ है कि सरकार छात्रसंघ के शपथग्रहण समारोह से कितनी डरी हुई है। बीजेपी जानती है कि देश के युवा इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
इसके बाद अखिलेश ने एक और ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “बिना किसी लिखित आदेश के मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया। पूछने पर भी स्थिति साफ करने में अधिकारी विफल रहे। छात्र संघ कार्यक्रम में जाने से रोकने का एकमात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है।” वहीँ, बवाल बढ़ता देख यूपी के सीम योगी आदित्यनाथ को भी बयान जारी करना पड़ा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में अराजकता न फैले, इसलिए अखिलेश को रोका गया है।