यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 7 फरवरी से शुरू हो गईं। नकल न हो इसके लिए परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी की गई है। इस बार परीक्षार्थियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले कम है और बताया जा रहा है। मना जा रहा है कि ऐसा नकल पर सख़्ती की वजह से ऐसा हो रहा है।
Lucknow: Uttar Pradesh Deputy Chief Minister Dinesh Sharma conducts surprise inspection at Navyug Kanya Vidyalaya in Rajendra Nagar as high school and intermediate examinations of the UP Board begin today. pic.twitter.com/zJA4SVAJMR
— ANI UP (@ANINewsUP) February 7, 2019
परीक्षा के पहले ही दिन लखनऊ के डेप्युटी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया, वह राजेंद्र नगर में नवयुग कन्या विद्यालय में पहुंचे। लखनऊ के उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने पहली बार परीक्षा केंद्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की चेकिंग की। पहली बार परीक्षा केंद्रों में वॉइस रिकॉर्डर भी लगाए गए हैं। साथ ही यूपी बोर्ड ने 75 जिलों में बार कोडिंग की कॉपियां भेजी हैं।बोर्ड परीक्षा नकलविहीन, पारदर्शी और निष्पक्ष हो इसके लिए पिछले साल की ही तरह एसटीएफ और पुलिस की भी मदद ली जा रही है। साथ ही ढाई लाख से ज्यादा परीक्षकों की तैनाती भी की गई है। यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव के मुताबिक, इंटर में 39 विषयों में एनसीआरटी पैटर्न लागू होने के बाद एक ही प्रश्न पत्र कराया जा रहा है, जिससे परीक्षा के कार्य दिवसों में भी कमी आई है। इस बार हाई स्कूल की परीक्षाएं 14 दिन और इंटर की परीक्षाएं 16 दिन तक चलेंगी।उन्होंने यह भी बताया कि कुंभ मेले को देखते हुए प्रमुख स्नान पर्व और उससे एक दिन आगे और पीछे परीक्षा नहीं है।नीना श्रीवास्तव ने कहा, ‘हमारी कोशिश होगी कि अप्रैल के दूसरे या तीसरे सप्ताह में हम इन परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दें। सरकार ने नकल रोकने के लिए 1314 परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील और 448 परीक्षा केंद्रों को अतिसंवेदनशील केंद्र घोषित किया हैं। साथ ही इन परीक्षा केंद्रों पर नज़र बनाए रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स भी बनाई गई है।