नई दिल्ली। वाजपेयी सरकार के दौरान रक्षामंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस का निधन हो गया है। वह 88 वर्ष के थे। उन्होंने अजा सुबह दिल्ली में अंतिम सांस ली। फर्नांडिस अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने फर्नांडिस के निधन पर शोक व्यक्त किया है। पीएम ने ट्वीट कर कहा, ‘जॉर्ज साहब ने भारत की बेहतरीन लीडरशिप का प्रतिनिधत्व किया। वह बेबाक और निर्भिक थे। उन्होंने देश के लिए अमूल्य योगदान दिया। वह गरीबों की सबसे मजबूत आवाज थे। उनके निधन से दुखी हूं।’ जॉर्ज फर्नांडिस सबसे पहले साल 1967 में लोकसभा सांसद चुने गए थे। उन्होंने अपने राजनीतिक कार्यकल में सरकार में रहते हुए कई बड़े मंत्रालय संभाले। रक्षामंत्री होने के साथ-साथ कम्यूनिकेशन, इंडस्ट्री और रेलवे मंत्रालयों में भी उन्होंने बड़े पद संभाले।
तीन जून 1930 को कर्नाटक में जन्मे जॉर्ज फर्नांडिस 10 भाषाओं के जानकार थे। वह हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उर्दू, मलयाली, तुलु, कोंकणी और लैटिन भाषा जानते थे। उनकी मां किंग जॉर्ज फिफ्थ की बड़ी प्रशंसक थीं। उन्हीं के नाम पर अपने छह बच्चों में से सबसे बड़े का नाम उन्होंने जॉर्ज रखा था। इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार हुए जॉर्ज फर्नांडिस तिहाड़ जेल में कैदियों को गीता के श्लोक सुनाते थे। 1974 की रेल हड़ताल के बाद वह कद्दावर नेता के तौर पर उभरे और उन्होंने बेबाकी के साथ इमरजेंसी लगाए जाने का विरोध किया।
इमर्जेंसी खत्म होने के बाद फर्नांडिस ने 1977 का लोकसभा चुनाव जेल में रहते हुए ही मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से लड़े और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की।