नई दिल्ली। असम को अरुणाचल से जोड़ने वाला ब्रह्मपुत्र नदी पर डबल डेकर रेल और रोड ब्रिज बनकर तैयार हो गया है। 21 साल के लंबे इंतज़ार के बाद दोनों राज्यों के बीच इस पुल के बनने से आवागमन तो आसान हो ही जाएगा। साथ ही साथ इस पुल से उत्तर पूर्वी सीमा पर तैनात सेना को भी बड़ी सहूलियत मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रिसमस के मौके पर पुल का उद्घाटन करेंगे और इसे देश को सौपेंगे। पुल की आधारशिला 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने रखी थी। गुवाहाटी से तकरीबन 442 किलोमीटर दूर ये पुल 4.94 किलोमीटर लंबा है। ये देश का सबसे लंबा पुल है। ये पुल कई मायनो में अनोखा है। ब्रह्मपुत्र के दो सिरों को जोड़ना अपने आप में चुनौती का काम था। ये भारी बारिश का और भूकंप की आशंका वाला इलाका है।
भारतीय रेलवे द्वारा बनाये गए इस पुल के नीचे के डेक पर दो रेल लाइन हैं और ऊपर के डेक पर 3 लेन की सड़क है। ये पुल उत्तर में धेमाजी को दक्षिण में डिब्रूगढ़ से जोड़ेगा। पहले धेमाजी से डिब्रूगढ़ की 500 किलोमीटर की दूरी तय करने में 34 घंटे लगते थे। अब ये सफर महज 100 किलोमीटर का रह जाएगा और 3 घंटे लगेंगे। 5920 करोड़ की लागत से बना ये पुल देश का सबसे लंबा रेल-रोड ब्रिज है।