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अलगाववादी अंद्राबी का तिहाड़ में अमानवीय व्यवहार का आरोप

 नई दिल्ली, 18 दिसम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कश्मीरी अलगाववादी नेता असिया अंद्राबी व उनके सहयोगियों से जेल के भीतर अमानवीय व्यवहार किए जाने के आरोप को लेकर दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार और तिहाड़ जेल के अधिकारियों से जवाब मांगा है।

  इस याचिका में कहा गया है कि अंद्राबी और उनके सहयोगियों को अकेले कारावास में रखा गया है। अंद्राबी ‘दुख्तरान-ए-मिल्लत’ की प्रमुख हैं, जिसे प्रतिबंधित कर दिया गया है।

न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने मामले की सुनवाई 14 जनवरी, 2019 के लिए सूचीबद्ध कर दी है।

अदालत अंद्राबी व उनकी सहयोगी की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्हें तत्काल सामान्य सेल में स्थानांतरित करने और उन्हें उचित भोजन व चिकित्सा राहत देने के निर्देश देने की मांग की गई है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 14 नवंबर को अंद्राबी व उनकी सहयोगियो सोफी फहमीदा व नाहिदा नसरीन के खिलाफ एक अरोप पत्र दाखिल किया था। इस आरोप पत्र में एनआईए ने उनके खिलाफ जम्मू एवं कश्मीर में नफरत भरे भाषण देने व राज्य के खिलाफ पैसा देकर युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है।

अंद्राबी व उनकी सहयोगियों को तिहाड़ जेल में रखा गया है और उन पर दुख्तरान-ए-मिल्लत को सक्रिय रूप से चलाने का आरोप है। दुख्तरान-ए-मिल्लत गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित है।

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