नई दिल्ली। पीएनबी समेत देश के कई बड़े बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये लेकर फरार चल रहे कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है। लंदन की वेस्टमिनिस्टर कोर्ट ने विजय माल्या को भारत भेजने की इजाजत दे दी है। माल्या लंदन कोर्ट के इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं। हालांकि माल्या के पास प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिनों का वक्त होगा।
लंदन में कोर्ट की सुनवाई में जाने से पहले मीडिया से बातचीत में माल्या ने कहा, ‘मैंने किसी का पैसा नहीं चुराया। मैंने बैंकों का पूरा पैसा चुकाने की बात की थी। बकाया चुकाने का प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नहीं है।’माल्या ने पुरानी बातों को दोहराते हुए कहा कि उसने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट की पेशकश की थी। माल्या ने कहा कि कोर्ट जो भी फैसला देगा, उसे उसकी लीगल टीम देखेगी। उसके बाद ही आगे का कदम उठाया जाएगा. माल्या ने कहा, ‘हमने जमा पैसे कर्मचारियों को देने के लिए कोर्ट में कई आवेदन दिए हैं। अगर कोर्ट हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार है, तो मैं कर्मचारियों को भुगतान करने का इच्छुक हूं।’
आपको बता दें कि साल 2016 को माल्या अलग-अलग बैंको से देश का 9 हजार करोड़ लेकर फरार हो गया था। फरार होने के बाद उसने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा भी दे दिया था। कुछ दिनों पहले लंदन कोर्ट में हुई सुनवाई से पहले माल्या ने यह कह कर सबको चौंका दिया था कि विदेश जाने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। माल्या के इस बयान के बाद मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी।