IANS News

ईपीएफ पेंशनधारक 7 दिसंबर को सामूहिक आत्मदाह के फैसले पर कायम

नई दिल्ली, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी स्थित भीकाजी कामा प्लेस में चार दिसंबर से भविष्य निधि ऑफिस के सामने आमरण अनशन कर रहे अखिल भारतीय ईपीएस-95 पेंशन धारकों में से कुछ की हालत गुरुवार को बिगड़ गई। इस पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने इसे सरकार की घोर असंवेदनशीलता बताया और कहा कि हम सात दिसंबर (शुक्रवार) को यहां सामूहिक आत्मदाह के अपने फैसले पर कायम है। ईपीएफ राष्ट्रीय संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने कहा, “पेंशन धारकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने पेंशनर्स को उनकी न्यूतम पेंशन बढ़ाने और धरना स्थल पर मिलने आने का आश्वासन दिया था लेकिन केंद्रीय मंत्री धरनास्थल पर नहीं आए।”

उन्होंने कहा कि यह इस सरकार की घोर असंवेदनशीलता है, जिसके कारण उसे बुजुर्ग पेंशनर्स का दर्द समझ में नहीं आ रहा है और अगर बुजुर्ग पेंशनर्स ने धरना स्थल पर दम तोड़ दिया तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

उन्होंने कहा, “अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो हम सात दिसंबर (शुक्रवार) को यहां सामूहिक आत्मदाह के अपने फैसले पर कायम हैं।”

धरने पर बैठे बुजुर्ग पेंशनर धारक महेश नागर ने कहा, “अब हम भीकाजी कामा प्लेस स्थित भविष्य निधि ऑफिस के सामने मौत को गले लगाएंगे और हिंदुस्तान के माथे पर यह दाग छोड़ जाएंगे।”

महाराष्ट्र की 72 साल की बुजुर्ग महिला कमला बाई पवार ने बताया, “हम चार तारीख से सर्दी में अपने हक के लिए धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार न जाने क्यों हम लोगों को मारने पर आमादा है। अगर सरकार ने सात दिसंबर तक हमारी मांगें नहीं मानी तो हम सामूहिक आत्मदाह कर अपना जीवन खत्म कर देंगे।”

वहीं अहमद नगर की आशा बाई शिंदे ने बताया, “सरकार से पेंशन धारक कोई खैरात नहीं मांग रहे हैं बल्कि अपना हक मांग रहे हैं। हम बरसों से अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। आंखों पर पट्टी बांधकर बैठी सरकार के मंत्री हमें यह बताएं कि क्या वह एक हजार रुपये में अपने महीने का खर्च चला सकते हैं।”

अपनी मांगों के बारे में अशोक राउत ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार ईपीएस-95 पेंशनर्स को उच्च पेंशन की सुविधा दी जाए। ईपीएस कर्मचारियों को मिलने वाली न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 की जाए और पेंशन को डीए से जोड़ा जाए, साथ ही अंतरिम राहत के रूप में 5,000 रुपये महंगाई भत्ते की मांग की गई है। इसके अलावा ईपीएस-95 के सदस्यों और उनकी पत्नी को मुफ्त मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हों।

 

=>
=>
loading...