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सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का आरोपी आतंकी ढेर

नई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम जिले में बुधवार को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष पाकिस्तानी कमांडर नवीद जट को एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। नवीद वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या मामले में वांछित था। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मीडिया को बताया कि इसे सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। नवीद जट उर्फ अबु हंजुल्ला कुठपोरा गांव में इलाके को घेर कर चलाए गए तलाशी अभियान के बाद हुई मुठभेड़ में मार गिराए गए दो आतंकियों में से एक है।

अधिकारी ने कहा, “हां, हम पुष्टि करते हैं कि जो दो आतंकी बडगाम मुठभेड़ में मारे गए हैं, उनमें से एक नवीद जट है।” पाकिस्तान के मुल्तान का रहने वाला नवीद जट कश्मीर में लश्कर का सर्वाधिक वांछित कमांडर था। वह श्रीनगर में ‘राइजिंग कश्मीर’ के संपादक बुखारी की हत्या में वांछित था। आतंकियों ने बुखारी की उनके दो सुरक्षा गार्डो के साथ हत्या कर दी थी। पुलिस को विश्वास था कि नवीद जट इस अपराध को अंजाम देने वाले तीन आतंकियों में शामिल था।

नवीद छह फरवरी को पुलिस हिरासत से भाग निकला था। वह श्रीनगर की सेंट्रल जेल से शहर के एस.एम.एच.एस. अस्पताल में चिकित्सा जांच के लिए ले जाए जाने के दौरान पुलिस हिरासत से भाग निकला था। इस घटना में दो पुलिसकर्मी मारे गए थे। पाकिस्तानी आतंकी दक्षिण और मध्य कश्मीर में सक्रिय था। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि वह युवाओं को आतंकवाद की ओर लुभाने का प्रयास करने में एक बड़ी भूमिका निभा रहा था।

दिलबाग सिंह ने मीडिया को बताया, “बीत एक सप्ताह में दो दर्जन से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। वे लड़कों को उठाते थे और आतंकवाद में शामिल होने के लिए मजबूर करते थे। वे उन्हें प्रताड़ित भी करते थे।” सिंह ने कहा, “इनकी मौत शांतिप्रिय लोगों के लिए अच्छी खबर है।” उन्होंने कहा, “बीते दो महीने से घाटी में कोई नया युवक आतंकवाद में शामिल नहीं हुआ है। यह एक स्वागत योग्य कदम है।” पुलिस प्रमुख ने कहा कि सुरक्षा बल आतंक-विरोधी अभियानों के दौरान किसी नागरिक को नुकसान न हो, इसको सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं।

उन्होंने कहा, “पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है। जितने कम आतंकी होंगे, लोगों के लिए उतना ही अच्छा है। युवकों को मुठभेड़ स्थलों की ओर जाने से बचना चाहिए।” सिंह ने कहा, “आतंकी संगठन अधिक युवाओं को भर्ती करने में सक्षम नहीं हैं।”

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH