नई दिल्ली। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है, लेकिन मुनाफ क्रिकेट का मैदान नहीं छोड़गे। मुनाफ अब आने वाली टी10 लीग का हिस्सा होंगे।जहां वह राजपूत टीम की ओर से खेलेंगे। मुनाफ ने घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर टीम इंडिया में एंट्री की थी। उन्हें भारतीय क्रिकेट की अगली बड़ी चीज कहा जाता था। मुनाफ पटेल ने भारत को साल 2011 का विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई थी।
मुनाफ ने महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को अपनी गेंदबाजी से काफी प्रभावित किया था। उन्होंने भारत के लिए तीनों फॉर्मेट खेले हैं। मुनाफ ने 9 मार्च, 2006 को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट, 3 अप्रैल, 2006 को इंग्लैंड के खिलाफ ही वनडे और 9 जनवरी, 2011 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 डेब्यू किया था। इसके बाद मुनाफ ने अपना आखिरी टेस्ट, वनडे और टी20 साल 2011 में खेला था और इसके बाद से वो लगातार टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे।
गुजरात के भरूच जिले के एक छोटे से गांव इखार में एक दिहाड़ी मजदूर से टीम इंडिया के फास्ट बॉलर बनने तक का मुनाफ पटेल का सफर किसी खूबसूरत सपने से कम नहीं रहा है। मीडिया से बात करते हुए मुनाफ ने कहा है कि अगर वो क्रिकेट नहीं खेलते तो, आज भी कहीं मजदूरी ही कर रहे होते और शायद अब अफ्रीका की किसी कंपनी में मजदूरी कर रहे होते क्योंकि उनके गांव के ज्यादातर वहीं जाकर टाइल फैक्टरियों में काम करते हैं। मुनाफ का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो क्रिकेट इतने लंबे वक्त तक खेल पाएंगे।
मुनाफ जब छोटे थे तो वो एक टाइल फैक्टरी में 8 घंटे काम करते थे। टाइल के डिब्बों की पैकिंग करते थे और उन्हें गोदाम में अरेंज करके रखते थे जिसके लिए उन्हें रोजाना 35 रुपए का मेहनताना मिलता था। इस पर वो कहते हैं,” दुख ही दुख था लेकिन झेलने की आदत हो गई थी। पैसा नहीं था हाथ में तो क्या ही कर सकते थे। पिता कमाने वाले इकलौते इंसान थे। मैंने आज जो भी हासिल किया वो क्रिकेट से बूते हैं।”