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सुप्रीम कोर्ट में लड़कों की शादी की उम्र घटाने पहुंचे थे वकील साहब, उल्टा लग गया 25 हजार का जुर्माना

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लड़कों की शादी की उम्र घटाकर 18 साल करने की याचिका को खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले वकील अशोक पांडे पर 25 हजार रु का जुर्माना भी लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है लड़कों की शादी की उम्र 21 साल और लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल ही रहेगी।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि वोट देने का अधिकार 18 वर्ष की आयु में मिल जाता है। आर्मी जॉइन करने की न्यूनतम आयु भी 18 वर्ष है तो शादी की उम्र भी 18 वर्ष होनी चाहिए। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर फटकार लगाते हुए कहा कि अगर इजाजत चाहिए तो इसके लिए 18 साल के लड़के को ही शादी की इजाजत वाली याचिका दायर करने दो तब हम इस मुद्दे पर देखेंगे। इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रु का जुर्माना भी लगाया है।

इससे पहले कानून मंत्रालय ने भी सुझाव दिया था कि सभी धर्मों के महिला और पुरुषों के लिए शादी की उम्र को 18 साल कर दिया जाना चाहिए। कानूनी पैनल ने कंसल्टेशन पेपर्स में कहा था, ‘यदि एक उम्र में सभी नागरिकों को अपनी सरकार चुनने का अधिकार है तो निश्चित तौर पर उन्हें इस लायक माना जाना चाहिए कि वह अपने लिए जीवनसाथी भी चुन सकते हैं।’

कानूनी पैनल का कहना था कि पर्सनल लॉ में संशोधन करने से बाल विवाह को रोका जा सकता है और असामनता को खत्म किया जा सकता है। शादी के लिए पुरुष की उम्र 21 और महिला की 18 होने की वजह से इस रुढ़िवादिता को बल मिला है कि पत्नी को पति से छोटा होना चाहिए। पैनल ने तर्क दिया था कि हिंदू कानून में 16 साल की लड़की और 18 साल के लड़के की शादी को वैध माना जाता है जबकि मुस्लिम कानून के अनुसार उस नाबालिग की शादी मान्य है जिसने प्यूबर्टी (युवावस्था) प्राप्त कर ली हो।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH