लखनऊ। हाल ही में शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा नाम से नई पार्टी बना ली। उन्होंने यूपी की सभी 80 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसी क्रम में कभी अखिलेश यादव के करीबी रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भी जल्द ही लखनऊ में अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते हैं। बता दें कि राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग को लेकर अखिलेश यादव से हुए मतभेद के बाद से ही वे नई सियासी जमीन तलाश रहे हैं।
राजा भैया के करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह गोपालजी और राजा भैया यूथ ब्रिगेड व प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष पिंटू सिंह ने बताया कि नई पार्टी के गठन पर विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि जनता की इच्छा पर वे कार्यक्रम में अपनी पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते हैं। खबरें हैं कि पार्टी बनाने के लिए रविवार से ही वे अपने समर्थकों के साथ चर्चा में जुटे हैं।
आपको बात दें कि राजा भैया लगातार आठ बार से विधायक हैं। 1993 से वह कुंडा से निर्दलीय जीतते आ रहे हैं। 1997 में बीजेपी की कल्याण सिंह की सरकार में वह पहली बार मंत्री बने थे। 2002 में बसपा सरकार में विधायक पूरन सिंह बुंदेला को धमकी देने के मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। बाद में मुख्यमंत्री मायावती ने उन पर पोटा लगा दिया था। करीब 18 महीने वह जेल में रहे जिसके बाद साल 2003 में मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद राजा भैया के ऊपर से पोटा हटा लिया और उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया, तब से वह लगातार सपा के साथ थे।