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विवेक तिवारी हत्याकांड: करीब आठ फीट की दूरी से आरोपी सिपाही ने मारी थी गोली

लखनऊ। अपराधियों का एनकाउंटर करने वाली यूपी पुलिस अब आम आदमी का भी एनकाउंटर कर रही है। यूपी पुलिस के  एक सिपाही ने लखनऊ के गोमती नगर इलाके में एपल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मार दी। उन्हें डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ले जाया गया था, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विवेक को करीब आठ फीट की दूरी से गोली मारी गई थी। गोली ठुड्डी को चीरते हुए गले व सिर के बीच में ही फंस गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसे एक गोली मारी गई। विवेक की पूर्व महिला सहकर्मी सना ने बताया कि सिपाही ने जानबूझकर सामने से खड़े होकर गोली चलाई, जो गाड़ी के आगे के शीशे को चीरते हुए चालक की सीट पर बैठे विवेक के ठुड्डी में जा लगी और थोड़ी देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।

इससे पहले विवेक तिवारी का आज भैंसाकुंड में अंतिम संस्कार कर दिया गया है। विवेक को मुखाग्नि उनके भाई राजेश तिवारी ने दी। इस दौरान वहां कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन और बृजेश पाठक भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। रविवार सुबह करीब 8 बजे विवेक की अंतिम यात्रा न्यू हैदराबाद स्थित आकाश गंगा टावर से निकली। इस दौरान वहां मौजूद हर किसी की आंख नम थी।

उधर यूपी सरकार ने विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी को सरकारी नौकरी और 25 लाख रु का मुआवजा देने की घोषणा की। शनिवार रात जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विवेक की पत्नी कल्पना को नगर निगम में अधिकारी की नौकरी और 25 लाख रु का मुआवजा दिया जाएगा।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वीआईपी इलाके गोमतीनगर में जांच के दौरान गाड़ी नहीं रोकने पर एक पुलिस कॉन्सटेबल ने मल्टीनेशनल कंपनी ऐप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को गोली मारकर हत्या कर दी। इस पूरे मामले पर यूपी में राजनीतिक भूचाल आ गया है। इस पूरे मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है था कि यह घटना एनकाउंटर नहीं है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगर जरुरत पड़ी को तो इस घटना की सीबीआई जांच होगी। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया में जो दोषी थे वो गिरफ्तार हो चुके हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH