नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की वैधता को लेकर आज बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि आधार आम लोगों की पहचान बन चुका है। देश के 122 करोड़ लोगों के पास आधार है। देश के 99.76 फीसद लोगों को आधार कार्ड से फायदा हो रहा है, इससे दबे-कुचले लोगों को भी फायदा हो रहा है। लोगों को इससे होने वाले सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता है। हालांकि कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि कुछ चीजों पर आधार कार्ड की अनिवार्यता जरुरी नहीं होगी।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एम खानविलकर ने फैसले में कहा है कि आधार कार्ड आम आदमी की पहचान है, इस पर हमला संविधान के खिलाफ है।आधार कार्ड गरीबों की ताकत का ज़रिया बना है, इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं है। आधार कार्ड पर हमला करना लोगों के अधिकारों पर हमला करने के समान है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि छ: से 14 साल के बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए आधार कार्ड ज़रूरी नहीं हैआधार ना होने की स्थिति में किसी व्यक्ति को अपने अधिकार लेने से नहीं रोका जा सकता है।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर CBSE, NEET, UGC आधार को जरूरी बनाते हैं, तो यह ठीक बात नहीं है, वो ऐसा नहीं कर सकते हैं। इसके साथ साथ मोबाइल नंबरों और बैंक खातों को आधार कार्ड से लिंक कराना ज़रूरी नहीं है।
इन चीज़ों में आधार कार्ड होगा ज़रूरी –
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार कार्ड ज़रूरी है।
पेन कार्ड बनवाने में भी आधार कार्ड को ज़रूरी कर दिया गया है।
सरकारी योजनाओं में सब्सिडी पाने के लिए आधार की अनिवार्य रहेगा।