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आखिर पांच राज्यों ने क्यों ठुकरा दी मोदी सरकार की आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत रविवार को झारखंड की राजधानी रांची से लॉन्च कर दी। इस योजना का लाभ देश के 10 करोड़ परिवारों यानी कि 50 करोड़ लोगों को मिलेगा। इस महत्वाकांक्षी योजना का मकसद प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करना है। इन परिवारों के लोग द्वितीयक और तृतीयक श्रेणी के तहत पैनल के अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से भर्ती हो सकते हैं।

रविवार को लांच हुई आयुष्मान भारत योजना के तहत सोमवार की शाम तक एक हजार से अधिक गरीब लोग मुफ्त और कैशलेस इलाज का लाभ उठा चुके हैं। लागू होने के साथ ही सरकार इस योजना को सुगम और सरल बनाने की कोशिश में जुटी है, ताकि अधिक-से-अधिक गरीब परिवार इसका लाभ उठा सकें।

हालांकि पांच राज्यों ने इस योजना को लागू करने से मना कर दिया है। इनमें दिल्ली, केरल, ओडिशा, पंजाब और तेलंगाना शामिल हैं। इन राज्यों ने कहा है कि वह तब तक योजना में शामिल नहीं होंगे, जब तक उन्हें इससे बेहतर स्वास्थ्य बीमा योजना नहीं मिलतीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो इस योजना को एक और सफेद हाथी करार दिया है।

क्या है आयुष्मान भारत योजना?

आयुष्‍मान भारत स्‍कीम की घोषणा बजट 2019 के दौरान की गई थी। इसमें लगभग सभी गंभीर बीमारियों का इलाज कवर होगा। कोई भी व्यक्ति इलाज से वंचित न रह जाए, इसके लिए स्कीम में फैमिली साइज और उम्र पर कोई सीमा नहीं लगाई गई है। इस स्कीम में हॉस्पिटलाइजेशन से पहले और बाद के खर्च को भी शामिल किया गया है। हर बार हॉस्पिटलाइजेशन के लिए ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस का भी उल्लेख किया गया है, जिसका भुगतान लाभार्थी को किया जाएगा

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH