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फिर से बिकेगी फटाफट आराम देने वाली सेरिडॉन, सुप्रीम कोर्ट ने बिक्री से रोक हटाई

नई दिल्ली। फटाफट आराम पाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा सेरिडॉन से सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटा दी है। कोर्ट ने जिन दवाओं की बिक्री की अनुमति प्रदान की है, उनमें पीरामल हेल्थकेयर की सेरिडॉन, ग्लैक्सोस्मिथक्लिन की प्रीटोन, जगगट फार्मा की डार्ट और एक अन्य दवा शामिल है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 12 सितंबर को 328 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाइयों के निर्माण, वितरण और बिक्री पर बैन लगा दिया गया था। सेरिडॉन का नाम भी उन दवाइयों में थे।

साल 1988 से पहले बनी एफडीसी पर प्रतिबंध के आदेश के खिलाफ प्रभावित फार्मा कंपनियों की याचिका पर न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा की खंडपीठ ने मामला निपटने तक इन दवाइयों पर से प्रतिबंध हटाते हुए केंद्र से जवाब मांगा था। खंडपीठ एफडीसी दवाइयों के लाइसेंसों की वैधता के मामले की सुनवाई कर रही है।

प्रतिबंध पर सवाल करते हुए कंपनियों ने इससे पहले कहा था कि सरकार की अधिसूचना में सिर्फ यही कारण था कि दवाइयों के संयोजन में कोई उपचारात्मक तत्व नहीं था। 328 एफडीसी दवाइयों को प्रतिबंधित करने के केंद्र के फैसले से सामान्य दवाइयों सहित लगभग 6,000 दवाइयों को निशाने पर ला दिया था। इस सूची में पिरामल का दर्द निवारक सेरीडॉन, मैक्लीओड्स फार्मा का पैंडर्म प्लस क्रीम, एल्केम लैबोरेटरीज की जीवाणुरोधी टैक्सिम एजेड और मधुमेह की दवाई ग्लूकोनोर्म पीजी हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH