15 सितंबर से एशियाई देशो के बीच क्रिकेट का महाकुंभ एशिया कप शुरू होने वाला हैं। क्रिकेट की ये सिरीज 26 सितम्बर तक चलेगी। इस बार इस टूर्नामेंट में भारत, पकिस्तान, श्रीलंका के साथ साथ बांग्लादेश, अफगानिस्तान और हॉन्ग कॉन्ग भी इस क्रिकेट प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले रहें हैं। आज आपको एशिया कप के पहले संस्करण के बारे में बताएंगे जिसमे भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी।
साल था 1984 भारत एक साल पहले ही विश्व विजेता बना था। एशियन क्रिकेट काउंसिल ने निर्णय लिया एशिया कप के आयोजन का। उस समय मात्र एशिया के तीन देश भारत,श्रीलंका और पाकिस्तान ही क्रिकेट खेलते थें। श्रीलंका ने तो अपना पहला टेस्ट मैच दो साल पहले 1982 में ही खेलना शुरू किया था। पकिस्तान भी धीरे धीरे एक मजबूत टीम के रूप में उभर रहा था। भारतीय टीम उस समय के विश्व विजेता कप्तान कपिल देव को आराम देकर सुनील गावस्कर को नया कप्तान बनाया था। इसके साथ ही टीम के बड़े नाम के श्रीकांत, सैयद किरमानी और मोहिंदर अमरनाथ को भी आराम दिया गया था।
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भारत का पहला मैच श्रीलंका से था जहां भारत ने श्रीलंका को एकतरफा मुकाबले में पराजित कर दिया। इस मैच में आराम दिए गए खिलाड़ियों की जगह आएं सुरिंदर खन्ना ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। पहले गेंदबाजों ने पूरी श्रीलंका टीम को 41 ओवरों में 96 के स्कोर पर निपटा दिया। फिर सुरिंदर खन्ना ने 69 गेंदों पर 51 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई।
अब उस मुकाबले का समय आ गया जिसका सबको बेसब्री से इंतजार था। पहले एशिया कप का फाइनल भारत बनाम पाकिस्तान। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 1983 विश्व कप कि तरह बहुत ही छोटा टोटल 188 रन बनाया। लेकिन उसके बाद जो हुआ वो आज तक इतिहास में दर्ज हैं। जब पाकिस्तान बल्लेबाजी करने आई तब रवि शास्त्री और रोजर बिन्नी की खतरनाक गेंदबाजी के दम पर पाकिस्तान 40वें ओवर में ही 134 रन पर ढेर हो गई। इस मैच में एक बार फिर सुरिंदर खन्ना ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 72 गेंदों में 56 रन बनाए। इस तरह भारत ने पाकिस्तान को हरा पहला एशिया कप अपने नाम किया।