नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के संस्थापक अटल बिहारी वाजपेयी का कल निधन हो गया। अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से वैसे ही नाता है जैसे चंदा का चकोर से होता है। वो लखनऊ से पहली बार सन 1991 में जीतकर संसद पहुंचे और लगातार पांच बार यहां से सांसद रहें।
वर्ष 1957 का चुनाव था। अटल बिहारी वाजपेयी भी लखनऊ से चुनाव लड़ रहे थे। उनके सामने थे कांग्रेस से पुलिन बिहारी बनर्जी ‘दादा’। उन्होंने अपने सहयोगी चंद्र प्रकाश अग्निहोत्री जी से पूछा कि फूलकुमारी बुआ कहां रहती हैं। अग्निहोत्री जी बोले हमारे घर के पास। फूलकुमारी शुक्ल ग्वालियर में अटल जी के गुरु रहे त्रिवेणी शंकर वाजपेयी जी की बहन थीं।
रात में बिना किसी को बताए अटल जी किससे मिलने पहुँच गए
रात में बिना किसी को बताए अटल जी अग्निहोत्री जी के घर पहुँच गए और उनको लेकर बुआ के घर पहुंचे। बुआ के पैर छुए और हालचाल पूछा। फूलकुमारी बुआ ने अटलजी की बातों का जवाब तो बाद में दिया। पहले वहां मौजूद सभी के पैर छूने का आदेश दिया। अटल जी ने लाइन से सबके पैर छुए चाहें बच्चा हो या बड़ा। कुछ लोगों ने उनका हाथ बीच में रोका तो बोले, ‘बुआ का आदेश है, पालन तो होगा ही।’