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कभी भारत के लिए जीता ओलंपिक मैडल, अब गोलगप्पे बेचने को मजबूर..

ओलिंपिक

भोपाल। देश के लिए ओलंपिक पदक जितना कितनी गर्व की बात है ये वही खिलाड़ी बता सकता है जिसने इसके लिए अपनी जी जान लगा दी हो। लेकिन अगर मै ये कहूँ की देश के लिए ओलपिंक जितने के बाद कोई खिलाड़ी सड़क पर ठेला लगाकर गोलगप्पे बेचता है तो आपको यकीन करना थोड़ा मुश्किल होगा।

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लेकिन हमारे देश की यही सच्चाई है। 2011 के एथेंस ओलपिंक में देश के लिए कांस्य पदक जितने वाली मध्यप्रदेश की सीता साहू की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है की उनको गोलगप्पे बेचने पड़ रहे हैं।

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बता दें, शिवराज सरकार ने सीता साहू को एक लाख रुपये का इनाम दिया था। जो आजतक उन्हे मुहैया नहीं कराया गया जिसके बाद उनकी मां ने सीता को गोलगप्पे बनाना सिखाया। सीता ने 2011 में एथेंस ओलपिंक में 200 मीटर और 1600 मीटर रिले रेस में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित किया था।

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जितने के 2 साल बाद मिला पैसा

जितने के दो साल बाद 2013 में शिवराज सरकार ने उनको 5 लाख रुपये का इनाम दिया था। सरकार की सहायता के बाद सीता की आर्थिक हालत कुछ ठीक हुई थी। लेकिन आज भी वो घर पर रह कर ही प्रैक्टिस करती है। उनके घर वालों का आरोप है की सरकार सीता पर कोई ध्यान नहीं देती।

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Manish Srivastava